
पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में रिमांड मांगते हुए कहा था कि क्राइम सीन का मेमो तैयार करना जरूरी है, जिसमें घटनास्थल की विस्तृत जानकारी दर्ज की जाएगी। पुलिस के अनुसार, स्वामी चैतन्यानंद (Chaitanyananda Maharaj) जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
फिलहाल, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस क्राइम सीन का मेमो तैयार करने के साथ-साथ अन्य साक्ष्य जुटाने में भी तेजी से काम कर रही है।
सोमवार को चैतन्यानंद (Chaitanyananda) को इंस्टीट्यूट के ग्राउंड फ्लोर पर बने एक विशेष कमरे, जिसे 'टॉर्चर रूम' के रूप में जाना जाता है, में ले जाया गया। पीड़ित छात्राओं ने अपनी शिकायतों में बताया था कि चैतन्यानंद इस कमरे में छात्राओं को निजी तौर पर बुलाता था।
पुलिस ने इंस्टीट्यूट में लगे सीसीटीवी कैमरों की लोकेशन की जांच की और यह पता लगाया कि किन-किन कैमरों का एक्सेस चैतन्यानंद के पास था और वह इनके जरिए छात्राओं की गतिविधियों पर कैसे नजर रखता था।
पुलिस जांच में पता चला कि चैतन्यानंद ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई छात्राओं को डोमेस्टिक और विदेशी यात्राओं पर अपने साथ ले गया था। पुलिस अब उन छात्राओं की पहचान करने में जुटी है, जिन्हें चैतन्यानंद ने विदेश या अन्य राज्यों में अपने साथ ले जाया था।
दिल्ली पुलिस ने अब तक 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें से 16 ने सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत की है। इन बयानों में कुछ छात्राओं ने विदेश यात्राओं का जिक्र किया, हालांकि कितनी छात्राओं को विदेश ले जाया गया, इसकी सटीक जानकारी जुटाने में पुलिस जुटी है।
[SS]