मध्य प्रदेश: जहरीले कफ सिरप मामले में तमिलनाडु की कंपनी और छिंदवाड़ा के डॉक्टर पर हत्या का मामला दर्ज

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में जहरीले कफ सिरप पीने से 10 मासूम बच्चों की मौत के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। परासिया थाना पुलिस ने कांचीपुरम (तमिलनाडु) स्थित कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल और सिरप प्रिस्क्राइब करने वाले डॉ. प्रवीन सोनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है
हरीले कफ सिरप मामले में तमिलनाडु की कंपनी
हरीले कफ सिरप मामले में तमिलनाडु की कंपनीIANS
Published on
Updated on
1 min read

डॉ. प्रवीन सोनी (Dr. Praveen Soni) पर सरकारी डॉक्टर होते हुए भी निजी क्लीनिक चलाने का आरोप है।

पुलिस ने त्वरित एक्शन लेते हुए डॉ. प्रवीन सोनी को छिंदवाड़ा के राजपाल चौक से हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि डॉ. सोनी सरकारी अस्पताल में पदस्थ हैं, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर निजी क्लीनिक में मरीजों को वही सिरप प्रिस्क्राइब कर रहे थे, जिसके पीने से बच्चों की जान चली गई।

प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि कफ सिरप में जहरीले केमिकल थे। इस मिलावट से बच्चों को गंभीर रिएक्शन हुए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। डॉक्टर प्रवीन सोनी पर आरोप है कि उन्होंने बिना पूरी जांच के इस सिरप को कई बच्चों को प्रिस्क्राइब कर दिया।

घटना के बाद जब कफ सिरप की जांच की गई तो उसमें डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा निर्धारित सीमा से बहुत अधिक पाई गई। सामान्य तौर पर कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा 0.10 प्रतिशत तक होनी चाहिए, मगर जांच में यह मात्रा 48 प्रतिशत पाई गई, जो कि मानक से लगभग 480 गुना ज्यादा है।

डायएथिलीन ग्लाइकोल एक विषैला पदार्थ है, जिसकी अधिक मात्रा से शरीर में गंभीर नुकसान हो सकता है। इस वजह से सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर बैन लगा दिया।

एक और कफ सिरप 'नेक्सट्रो डीएस' की भी जांच जारी है। इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जांच पूरी होने तक इस सिरप को प्रिस्क्राइब करने पर भी रोक लगा दी गई है।

(BA)

हरीले कफ सिरप मामले में तमिलनाडु की कंपनी
K. Rustom’s Ice Cream Sandwich: मुंबई का मीठा और यादों से जुड़ा स्वाद

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com