हमारे देश में लोकतंत्र की विसंगतियाँ समय के साथ बढ़ती जा रही है। आज भी हमें सच्चा लोकतंत्र नहीं मिला है। देश की आजादी के अमृत महोत्सव पर भी, यह तो तय है कि ‘सच्चा लोकतंत्र’ व स्व-राज्य हमें मिला नहीं है। भ्रष्टाचार, बाबूगिरी, लालफीताशाही, राजनीतिक परिवारवाद, राजनीतिक पार्टियों की दिशाहीनता, आम जनता का राजनेताओं पर अविश्वास और सरकारी आतंकवाद और गुंडागर्दी का माहौल यह सब बहुत बढ़ चुका है।
तो इन बदलती परिस्थितियों में जनता के पास क्या विक्लप है? क्या पार्टी से आगे , यानि पार्टीविहीन लोकतंत्र के विषय में जनता सोचती है? इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए हमने पिछले कई दिनों, राजीव चौक, नई दिल्ली पर जनता से सर्वे फॉर्म भरवाया, और जनता से उनका मत जानने का प्रयास किया।
इस सर्वे में हिस्सा लेने के लिए, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें, और आपका मत साझा करें।