बीआईएस के अंतर्गत आने वाले भारतीय मानकों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा

यह पहल शिक्षाविदों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ बीआईएस के संस्थागत जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए की गई है।
छह शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थान बीआईएस के अंतर्गत आने वाले भारतीय मानकों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएंगे (IANS)
छह शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थान बीआईएस के अंतर्गत आने वाले भारतीय मानकों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएंगे (IANS)इंजीनियरिंग संस्थान
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भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अंतर्गत आने वाले भारतीय मानकों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। आईआईटी (IIT) समेत देशभर के छह शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थान (engineering institutes) इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए आगे आए हैं।

आईआईटी समेत छह शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थान बीआईएस के अंतर्गत आने वाले भारतीय मानकों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएंगे

भारतीय मानक ब्यूरो ने इसे शामिल करने के लिए देश के शीर्ष छह इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ एमओयू (MoU) भी किया है। यह पहल शिक्षाविदों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ बीआईएस के संस्थागत जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए की गई है।

आईआईटी रूरकी
आईआईटी रूरकीIANS

इंजीनियरिंग संस्थानों में 'बीआईएस मानकीकरण चेयर प्रोफेसर' की उपस्थिति में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बीएचयू, मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान त्रिची के साथ समझौता किया गया है।

यह पहल संबंधित संस्थानों में विज्ञान एवं विभिन्न विषयों के क्षेत्र में शिक्षण व अनुसंधान और विकास में उत्कृष्टता तथा कुशल नेतृत्व को बढ़ावा देगी। बीआईएस (BIS) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने इस नई पहल को लेकर कहा कि देश के इन जाने-माने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और बीआईएस के बीच समझौता हुआ है। यह मानकीकरण प्रक्रिया के क्षेत्र में युवा आबादी की भागीदारी को प्रोत्साहित करने, कार्यशाला, प्रशिक्षण तथा संक्षिप्त शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन करके मानक निर्माण गतिविधियों को मजबूत करेगा और इसे आगे बढ़ाएगा।

उन्होंने नए मानकों के निर्माण तथा मौजूदा के अनुपालन में शैक्षणिक संस्थानों में स्टार्ट-अप (start-up) और इंक्यूबेशन केंद्रों के साथ जुड़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। यह भी अनुमान लगाया गया है कि प्रौद्योगिकी उन्मुख उत्पादों एवं सेवाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार और मानकों के विकास को एक साथ जोड़ा जाएगा।

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आईआईटी बीएचयू (IIT BHU) के डीन (आर एंड डी) प्रो. विकास दुबे, एमएनआईटी के निदेशक डॉ. नारायण प्रसाद पाढ़ी, आईआईटी इंदौर (IIT Indore) में निदेशक डॉ. सुहास एस. जोशी, आईआईटी पटना (IIT Patna) के निदेशक प्रोफेसर टी.एन सिंह, आईआईटी मद्रास (IIT Madras) में पूर्व छात्र और कॉपोर्रेट संबंध के डीन प्रोफेसर महेश पंचाग्नुला और एनआईटी त्रिची में डीन आरएंडसी डॉ. एस मुथुकुमारन ने इस पहल के प्रति अपनी वचनबद्धता का आश्वासन दिया और सभी प्रकार से आवश्यक सहयोग देने पर सहमति व्यक्त की।

आईएएनएस/RS

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