अब इंजीनियरिंग समेत कई Technical Courses हिंदी व भारतीय भाषाओं में

तकनीकी पाठ्यक्रमों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के इस प्रयास में 12 भारतीय भाषाएं शामिल हैं।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद।IANS
Published on
2 min read

देश के 10 राज्य स्थानीय भारतीय भाषाओं में अंडर ग्रेजुएट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा इन विभिन्न पाठ्यचयार्ओं की तकनीकी पुस्तकों का अनुसूचित भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है। यह बदलाव इंजीनियरिंग समेत अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों में में देखने को मिलेगा। तकनीकी पाठ्यक्रमों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के इस प्रयास में 12 भारतीय भाषाएं शामिल हैं।

इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एक वर्ष पूरा होने पर शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न बदलावों की शुरुआत की थी। इसी दौरान क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्रदान की शुरूआत पर बल दिया गया।

एआईसीटीई के मुताबिक 12 भारतीय भाषाओं में तकनीकी पुस्तकों का लेखन और अनुवाद करने की योजना शुरू की गई है। इनमें कन्नड़, तमिल, तेलुगू, मलयालम, बंगाली, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उड़िया, असमी, हिन्दी और उर्दू शामिल हैं।

अभी तक 10 राज्यों के विभिन्न शिक्षण संस्थानों ने भारतीय भाषाओं में यूजी और डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। एआईसीटीई के मुताबिक प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए प्रारंभ में 9 भारतीय भाषाओं में डिप्लोमा स्तर पर 12 पुस्तकें और स्नातक स्तर पर 10 पुस्तकें तैयार कर ली गई हैं। एआईसीटीई ने इन 9 भाषाओं के अतिरिक्त मलयालम, असमी और उर्दू में भी अनुवाद शुरू कर दिया है। इस कार्य में 291 लेखक व भाषा विशेषज्ञ अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

वर्ष 2022-23 में एआईसीटीई 12 भारतीय भाषाओं में द्वितीय वर्ष की पुस्तकें उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है। भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले संस्थानों की संख्या को बढ़ाकर 75 किया जाएगा, जो 5 विषयों में इंजीनियरिंग शिक्षा प्रदान करेंगे। यह आशा की जा रही है कि इससे छात्रों का नामांकन बढ़कर लगभग 5000 हो जाएगा और वह क्षेत्रीय भाषाओं की पाठ्यपुस्तकों से लाभान्वित होंगे। यह अनुमान है की क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाने के लिए कि 250 शिक्षकों को भी एआईसीटीई द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।

वर्ष 2023-24 में एआईसीटीई 15 भारतीय भाषाओं में तृतीय वर्ष की पुस्तकों को उपलब्ध कराने की दिशा में अग्रसर है। साथ ही साथ भारतवर्ष के सभी राज्यों में स्थित 500 इंजीनियरिंग संस्थानों में लगभग 30,000 छात्रों को भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग शिक्षा को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाने के लिए लगभग 1500 शिक्षकों को आईसीटी के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।

साथ ही साथ एआईसीटीई, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के सभी कोर्सेज को डिजिटल माध्यम से स्वयं प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराएगा जिससे कि भारत के विभिन्न प्रांतों के छात्र एवं छात्राएं भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग शिक्षा की पढ़ाई कर सकेंगे।

(आईएएनएस/JS)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com