देश भर में 49 केंद्रीय विद्यालयों में बालवाटिका की पायलट परियोजना की शुरूआत

स्कूली शिक्षा के लिए एनसीएफ के चार चरण हैं -- फाउंडेशनल, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक चरण।
केंद्रीय विद्यालयों में बालवाटिका की पायलट परियोजना की शुरूआत
केंद्रीय विद्यालयों में बालवाटिका की पायलट परियोजना की शुरूआतIANS

देश भर में 49 केंद्रीय विद्यालयों में बालवाटिका की पायलट परियोजना की शुरूआत की गई है। वहीं नई शिक्षा नीति (New Education Policy) में स्कूलों में बिल्कुल शुरूआती कक्षाओं के लिए फाउंडेशनल स्टेज बनाया गया है। इसके लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क और बालवाटिका योजना शुरू की जा रही है। यह 3-8 साल की उम्र के बच्चों के लिए देश का पहला एकीकृत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क है। शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में यह जानकारी दी।

स्कूली शिक्षा के लिए एनसीएफ के चार चरण हैं -- फाउंडेशनल, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक चरण। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि एनईपी 2020 (NEP 2020) के तहत फाउंडेशनल चरण की रूपरेखा को विकसित करना सबसे महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण पहलुओं में से एक है, क्योंकि हमारे देश के भविष्य को सही स्वरूप देने में इसका व्यापक असर पड़ता है।

प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा के लिए एनसीएफईसीसीई, जिसे फाउंडेशनल स्टेज भी कहा जाता है, वह चार नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) में से एक है। यह भारत (India) में 3 से लेकर 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए पहला एकीकृत पाठ्यक्रम रूपरेखा है। यह 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 'पाठ्यचर्या और शैक्षणिक' संरचना का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्कूली शिक्षा के लिए अनुशंसित किया है। यह जानकारी शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा (Lok Sabha) में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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शिक्षा राज्य मंत्री के मुताबिक इसे एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और विभिन्न संस्थानों और संगठनों के साथ एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से जमीनी स्तर पर विकसित किया गया है।

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) छोटे बच्चों को 21वीं सदी की संज्ञानात्मक और भाषाई दक्षता से लैस करने में मदद करेगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा एनसीईआरटी से कहा गया है कि वह एनसीएफ को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने, बचपन की देखभाल एवं विकास में शामिल सभी हितधारकों को उपलब्ध कराने में सहयोग करें।

केन्द्रीय विद्यालय संगठन के नामांकन दिशा-निर्देशों और आरक्षण मानदंडों में स्पष्ट किए गए प्राथमिकता के अनुसार, बालवाटिका कक्षाओं में नामांकन दिया जा रहा है। इन कक्षाओं में एनसीईआरटी द्वारा तैयार किए गए पाठ्यक्रमों और संसाधन सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है। इन कक्षाओं में खेल आधारित गतिविधियों को मुख्य रूप से प्राथमिकता दी जा रही है।

आईएएनएस/RS

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