
इस विश्व पर्यावरण दिवस पर प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ (IANS)
World Environment Day
न्यूजग्राम हिंदी: विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) वर्ष 1973 से हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसके आयोजन से पर्यावरण समस्या पर लोगों की समझ और रवैया जाहिर हुआ। विश्व पर्यावरण दिवस अनवरत विकास लक्ष्य बढ़ाने का महत्वपूर्ण मंच बन गया है। 51वां विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को है, जिसका नारा है प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ। अब दुनिया प्लास्टिक प्रदूषण से पीड़ित है। हर साल 43 करोड़ टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है। प्लास्टिक प्रदूषण की सबसे हानिकारक और स्थाई प्रभाव वाली चीज माइक्रोप्लास्टिक है। मानव और पृथ्वी के स्वास्थ्य पर इसका खतरा सबसे बड़ा है। माइक्रोप्लास्टिक (Micro Plastic) रोजमर्रा की वस्तुओं में पाए जाते हैं, जैसा कि सिगरेट, कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन आदि।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण आयोग के अनुसंधान के अनुसार कुछ उत्पादों के निरंतर उपयोग से पर्यावरण में माइक्रोप्लास्टिक्स का संचय बढ़ जाता है। 5 मिमी व्यास तक के माइक्रोप्लास्टिक्स समुद्री प्लास्टिक कूड़े, पाइप, उत्पादन सुविधाओं में रिसाव और अन्य माध्यमों से समुद्र में जाते हैं।
समुद्री भोजन के जरिए हमारी खाद्य श्रृंखला में प्रवेश होने के अलावा, लोग सांस में माइक्रोप्लास्टिक्स अंदर ले सकते हैं, पानी से ग्रहण कर सकते हैं और त्वचा के माध्यम से अवशोषित कर सकते हैं। मानव शरीर के हर अंग में, यहां तक कि नवजात शिशुओं के गर्भनाल में भी माइक्रोप्लास्टिक्स पाए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण आयोग ने चेतावनी दी कि माइक्रोप्लास्टिक्स में रसायनों का स्वास्थ्य पर, विशेषकर महिलाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
चीन दुनिया में सबसे बड़ा विकासशील देश है। चीन प्लास्टिक प्रदूषण कम करने पर बड़ा ध्यान देता है। चीनी लोग पहले से ही समझते हैं कि सामग्री के दृष्टिकोण से, स्टील और अलौह धातुओं जैसी अन्य सामग्रियों की तरह प्लास्टिक की अच्छी पुनर्चक्रण क्षमता है। अपशिष्ट प्लास्टिक का कारगर ढंग से पुनर्चक्रण और निपटान किया जाने के बाद प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या नहीं होगी। इसलिए प्लास्टिक प्रदूषण का सार प्लास्टिक के प्रयोग और निपटान के बाद पर्यावरण में रिसाव है। वर्षों के प्रयास के बाद चीन ने पूरे समाज में प्लास्टिक पुनर्चक्रण प्रणाली और दुनिया में सबसे पूर्ण प्लास्टिक सर्कुलर आर्थिक विकास व्यवस्था स्थापित की। चीन प्लास्टिक प्रदूषण के नियंत्रण में बड़ा जिम्मेदार देश बन गया है।
--आईएएनएस/PT