जन्मदिन विशेष: दोस्ती की मिसाल कमलनाथ, दोस्त के लिए की जज से लड़ाई

ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Sindhiya) के नेतृत्व में 2020 की शुरुआत में की गई बगावत पर उनका बस ना चल सका
दोस्ती की मिसाल कमलनाथ, दोस्त के लिए की जज से लड़ाई
दोस्ती की मिसाल कमलनाथ, दोस्त के लिए की जज से लड़ाईWikimedia

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) का आज जन्मदिन है। कमलनाथ और स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के पुत्र संजय गांधी (Sanjay Gandhi) के कई किस्से भुलाने से भी नहीं भूले जाते।

मध्य प्रदेश कांग्रेस का वर्तमान चेहरा व कमलनाथ जैसे पूर्व मुख्यमंत्री के बिना प्रदेश की राजनीति के अहम किरदारों की सूची नहीं बनाई जा सकती। 15 साल बाद 2018 में कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई थी हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Sindhiya) के नेतृत्व में 2020 की शुरुआत में की गई बगावत पर उनका बस ना चल सका नतीजतन उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। लेकिन वे अभी भी राज्य में कांग्रेस के प्रमुख चेहरे हैं।

दोस्ती की मिसाल कमलनाथ, दोस्त के लिए की जज से लड़ाई
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इनका जन्म 18 नवंबर 1946 को कानपुर, उत्तर प्रदेश (Kanpur, Uttar Pradesh) में हुआ था। मध्य प्रदेश के साथ वे पूरे देश में कांग्रेस का एक जाना माना चेहरा है इनकी शुरुआती पढ़ाई कानपुर में ही हुई। इनके पिता महेंद्र नाथ का सपना था कि बेटा वकील बने, लेकिन कमलनाथ की किस्मत उन्हें कहीं और ही ले जाना चाह रही थी। देहरादून (Dehradun) दून स्कूल के छात्र रहे कमलनाथ पढ़ाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी के संपर्क में आए और वही से राजनीति में उनकी एंट्री की नींव तैयार होने लगी। वक्त बीतता गया कमलनाथ और संजय गांधी की दोस्ती गहरी होती गई। लेकिन एक वक्त दोनों में दूरियां आ गई जब कमलनाथ कोलकाता की सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ने गए। लेकिन दूरियों ने भी उनकी दोस्ती पर कोई प्रभाव नहीं डाला और राजनीति में उनकी दोस्ती हमेशा चर्चा का विषय रही। क्योंकि वह दोनों हरदम साथ रहा करते थे।

संजय गांधी और जवाहर लाल नेहरू
संजय गांधी और जवाहर लाल नेहरूWikimedia

उनकी दोस्ती का एक किस्सा तब मशहूर हो गया जब आपातकाल के बाद बनी जनता पार्टी की सरकार के नेतृत्व में संजय गांधी को एक केस के चलते तिहाड़ जेल भेज दिया गया और इंदिरा गांधी को संजय गांधी की सुरक्षा की चिंता हो रही थी। कमलनाथ चाहते थे कि वे जेल में संजय गांधी के पास जाए इसीलिए उन्होंने जानबूझकर जज से लड़ाई कर ली और अवमानना के आरोप में तिहाड़ जेल में चले गए।

(PT)

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