जन्मदिन विशेष : जब लता मंगेशकर से नाराज हो गए थे एस डी बर्मन

एस डी बर्मन फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसे संगीतकार के रूप में जाने जाते हैं जिन्होंने संगीत की गरिमा को हमेशा बनाए रखा।
एक्सपेरिमेंटल म्यूजिक डायरेक्टर, सचिन देव बर्मन
एक्सपेरिमेंटल म्यूजिक डायरेक्टर, सचिन देव बर्मनWikimedia

एस डी बर्मन (SD Burman) का पूरा नाम सचिन देव बर्मन है। उनका जन्म 1 अक्टूबर 1906 में त्रिपुरा के शाही परिवार में हुआ था। बर्मन के पिता जाने-माने सितारवादक और ध्रुपद गायक थे। एस डी बर्मन फिल्म इंडस्ट्री के एक एक्सपेरिमेंटल म्यूजिक डायरेक्टर के रूप में शुमार थे। अपने हुनर से उन्होंने लोगों के दिल में खास जगह बनाई थी। आज भी लोग उनके गीत-संगीत के दीवाने हैं। एस डी बर्मन फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसे संगीतकार के रूप में जाने जाते हैं जिन्होंने संगीत की गरिमा को हमेशा बनाए रखा है। संगीत की दुनिया का ये महान संगीतकार भी कॉन्ट्रोवर्सी (Controversy) के घेरे से नहीं बच पाए।

एक्सपेरिमेंटल म्यूजिक डायरेक्टर, सचिन देव बर्मन
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1 अक्टूबर 1906 को जन्में बर्मन दा के जन्मदिन पर हम आपको बता रहें हैं बर्मन से जुड़े कुछ किस्से -

'प्यासा' फिल्म बनने के दौरान एस डी बर्मन की साहिर लुधियानवी से तकरार हो गई थी। मुद्दा था कि नगमे में ज्यादा रचनात्मकता है या फिर संगीत में। मामला इस हद तक बढ़ा कि साहिर, सचिनदेव बर्मन से एक रुपया ज्यादा पारिश्रमिक चाहते थे। साहिर की दलील थी कि एस डी के संगीत की लोकप्रियता में उनका बराबर का हाथ था। सचिनदेव बर्मन ने साहिर की शर्त को मानने से इंकार कर दिया था और फिर दोनों ने कभी भी साथ काम नहीं किया। बर्मन दा पर किताब लिखने वाली लेखिका सत्या सरन ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में यह किस्सा शेयर किया था।

साहिर ही नहीं बल्कि लता मंगेशकर के साथ भी सचिनदेव बर्मन की अनबन हो गई थी। लता ने खुद बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि, "जब मैंने 'पग ठुमक चलत' गीत रिकॉर्ड किया तो दादा बहुत खुश हुए और इसे ओके कर दिया था।" यह गाना साल 1958 की फिल्म सितारों से आगे का था।

संगीतकार, एस डी बर्मन
संगीतकार, एस डी बर्मनPixabay

लता ने आगे बताया, " बर्मन परफेक्शनिस्ट थे। उन्होंने मुझे फोन किया कि वो इस गीत को दोबारा रिकॉर्ड करना चाहते हैं। चूंकि मैं बाहर जा रही थी, मैंने रिकॉर्डिंग करने से मना कर दिया। बर्मन इस पर नाराज हो गए थे।"

लता और बर्मन के बीच की अनबन कुछ सालों के बाद ही दूर हो गई थी। 1962 में जब राहुल देव बर्मन अपनी फिल्म 'छोटे नवाब' में संगीत दे रहे थे तो उन्होंने अपने पिता सचिन और लता जी के बीच सुलह कराने में एक अहम रोल प्ले किया था।

सचिनदेव ने 3 दशक के सिने करियर में लगभग 90 फिल्मों के लिए संगीत दिया था। हालांकि फिल्म 'मिली' की रिकॉर्डिंग के दौरान सचिनदेव को स्ट्रोक हो गया था और वो लगभग 6 महीने तक कोमा में रहे। इसके बाद उन्होंने कभी आंखे नहीं खोली और फिर 31 अक्टूबर को वो इस दुनिया को छोड़कर चले गए।

(HS)

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