हमारा देश भारत (India) एक कृषि प्रधान देश है। और यहां की जनसंख्या का एक बहुत बड़ा हिस्सा किसानी और खेती जैसे काम में लगा हुआ है। यहां के किसान मेहनत से अनाज पैदा करते हैं तभी वह हमारी थालियों में पहुंच पाता है और हम अपना पेट भर पाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम किसानों का सम्मान करें और इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष 23 दिसंबर को किसान दिवस (Farmer's Day) के रुप में मनाया जाता है।
किसानों को भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की रीढ़ की हड्डी (Backbone) कहा जाता है। और आज का दिन उन्हीं किसानों को समर्पित है यह दिन किसानों के हितैषी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Former Prime Minister Chaudhary Charan Singh) के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन उनके सम्मान में मनाया जाता है उन्हीं किसानों का मसीहा कहा जाता है।
भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का कार्यकाल ज्यादा नहीं रहा। वह 28 जुलाई 1979 को प्रधानमंत्री बने और 14 जनवरी 1980 तक इस पद पर रहे इनका जन्म उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पढ़ने वाले हापुड़ जिले में 23 दिसंबर 1902 को हुआ था और अपने छोटे से प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान इन्होंने किसानों की दशा को सुधारने के लिए कई नीतियां बनाई।
वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे और यही कारण था कि वह किसानों से एक लगाव रखते थे और उनकी समस्याओं को बेहद अच्छी तरीके से समझते थे। एक राजनेता होने के साथ-साथ वह एक बहुत अच्छे लेखक भी थे और
उनकी अंग्रेजी पर बहुत अच्छी पकड़ थी। एक लेखक के तौर पर उन्होंने इंडियाज पॉवर्टी एंड इट्स सॉल्यूशन, एबॉयलिशन ऑफ जमींदारी एंड लीजेंड प्रोपराइटरशिप जैसी किताबें लिखी।
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