National Education Day 2022: इतिहास और महत्व

यह हर साल 11 नवंबर को मनाया जाता है और यह दिन भारत देश के पहले शिक्षा मंत्री (First Education Minister) मौलाना अबुल कलाम आजाद जी को समर्पित है।
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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् अबुल कलाम आजाद (Abul Kalam Azad) की जयंती पर मनाया जाता है।

यह हर साल 11 नवंबर को मनाया जाता है और यह दिन भारत देश के पहले शिक्षा मंत्री (First Education Minister) मौलाना अबुल कलाम आजाद जी को समर्पित है। आजाद यह बात अच्छी तरह जानते थे कि आजादी के बाद एक अच्छे राष्ट्र के निर्माण और देश के विकास के लिए शिक्षा (Education) बहुत जरूरी है। यही कारण था कि उन्होंने आधुनिक शिक्षा पद्धति के लिए कई बड़े कदम उठाए आज उनकी जयंती के अवसर पर उनके द्वारा किए गए बेहतरीन कार्य को याद किया जा रहा है।

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अबुल कलाम आजाद की जयंती यानी 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा 11 सितंबर 2008 को लिया गया। और तभी से भारत की सभी शैक्षणिक संस्थानों में इस दिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आजाद के नेतृत्व में ही शिक्षा मंत्रालय ने देश का पहला आईआईटी (IIT) संस्थान 1951 में स्थापित किया था। इसी क्रम में सन 1953 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का निर्माण किया गया। कलाम मानते थे कि भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह संस्थान बहुत अहम साबित होंगे। सेकेंडरी एजुकेशन कमिशन और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एनसीईआरटी) भी कलाम के कार्यकाल में ही स्थापित किया गया था। देश के प्रसिद्ध जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की स्थापना में भी कलाम ने अहम योगदान दिया।

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इस दिन प्रत्येक वर्ष देश के सभी कॉलेज स्कूल और शिक्षण संस्थानों में तरह-तरह की कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और छात्र एवं शिक्षक दोनों ही साक्षरता के महत्व और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार एक दूसरे से साझा करते हैं। कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाते हैं और अब्दुल कलाम की जीवनी भी साझा की जाती है साथ ही कई तरह के सेमिनार और वर्कशॉप का आयोजन होता है और विभिन्न स्कूलों में तो निबंध पोस्टर मेकिंग भाषण प्रतियोगिताएं आदि होती हैं।

(PT)

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