Rabindranath Tagore Birth Anniversary: कैसे मिली 'गुरुदेव' और 'सर' की उपाधि

वह एक कवि और बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। आज उनकी जयंती के अवसर पर हम आपको उनके बारे बहुत सी रोचक बातें बताने जा रहे हैं।
Rabindranath Tagore Birth Anniversary  (NewsGram Hindi)

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गुरुदेव और सर की उपाधि

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न्यूजग्राम हिंदी: भारत (India) का राष्ट्रगान (National Anthem) लिखने वाले रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) जी का जन्म 7 मई 1861 को हुआ था। वह एक कवि और बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। आज उनकी जयंती के अवसर पर हम आपको उनके बारे बहुत सी रोचक बातें बताने जा रहे हैं।

* उनकी जयंती भारत में 7 मई और बांग्लादेश (Bangladesh) में 9 मई को मनाई जाती हैं।

* टैगोर को गुरुदेव (Gurudev) के नाम से भी जाना जाता हैं।

* बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' भी टैगोर ने ही लिखा हैं।

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* उनके बारे में ये बात प्रचलित हैं कि टैगोर को कलर ब्लाइंडनेस (Colour Blindness) था।

*  उन्हें साहित्य में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) भी मिल चुका है।

* यह पुरस्कार उन्हें उनके काव्य रचना गीतांजलि (Geetanjali) के लिए मिला था। इस पुरस्कार के मिलने के साथ ही टैगोर ऐसे पहले गैर यूरोपीय बन गए थे जिसे साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला। लेकिन इस पुरस्कार को टैगोर ने सीधे-सीधे स्वीकार नहीं किया था बल्कि उनके स्थान पर ब्रिटेन (Britain) की एक राजदूत ने इस पुरस्कार को लिया था।

<div class="paragraphs"><p>रवींद्रनाथ टैगोर </p></div>

रवींद्रनाथ टैगोर

WIKIMEDIA

• ब्रिटिश सरकार द्वारा टैगोर को सर की उपाधि से नवाजा गया था।

• विश्व धर्म संसद को संबोधित करने वाले गुरुदेव दूसरे व्यक्ति थे। उन्होंने विश्व धर्म संसद को दो बार संबोधित किया था इससे पहले स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) इस संसद को संबोधित कर चुके थे।

* उन्हें बचपन से ही कविताएं और कहानी लिखने का शौक था उन्होंने अपनी पहली कविता महज 8 वर्ष की उम्र में लिखी थी।

* सिर्फ 16 वर्ष की आयु में टैगोर की पहली लघु कथा प्रकाशित हो चुकी थी।

* वह पढ़ाई करने लंदन कॉलेज गए थे लेकिन कमाल की बात तो यह है कि वह बिना डिग्री लिए ही वापस लौट आए थे।

* टैगोर का निधन प्रोस्टेट कैंसर होने केकारण 7 अगस्त, 1941को हो गया।

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