न्यूजग्राम हिंदी: प्रत्येक वर्ष 20 मई को पूरे विश्व में विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day) के रुप में मनाया जाता है। इसी दिन 1734 में आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक के जनक कहे जाने वाले एंटोन जान्सा (Anton Jansa) का जन्म स्लोवेनिया (Slovenia) में हुआ था।
इस दिन को इस उद्देश्य के साथ मनाया जाता है कि पारिस्थितिक तंत्र में मधुमक्खियों और अन्य परागणकों के महत्व को पहचाना जा सके। मुख्य रूप से यह मधुमक्खियों के महत्व के बारे में विश्व को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
इतिहास:
इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसलिए की गई जिससे कि एंटोन जान्सा की जयंती को मनाया जा सके। 20 मई को ऐपिमोंडिया के समर्थन में मनाने का विचार स्लोवेनिया सरकार द्वारा 2016 में प्रस्तावित किया गया।
इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों द्वारा 2017 में अनुमोदित कर दिया गया। प्रस्ताव में यह बात कही गई थी कि विशिष्ट संरक्षण उपायों का कार्यान्वयन किया जाए और मधुमक्खी के बचाव को महत्व दिया जाए। इसके बाद 2018 में पहली बार विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया।
महत्व:
इंसानों, जानवरों, पर्यावरण और पौधों के बीच संतुलन बनाए रखने में मधुमक्खी एक अहम भूमिका निभाती हैं। इनके बिना भोजन मिलना मुश्किल हो जाएगा और विश्व का एक बड़ा हिस्सा भूख से मर जाएगा। क्योंकि वह परागण कर कृषि उत्पादन को बढ़ाते हैं। मानव की गतिविधियों के परिणाम से मधुमक्खियों के सामने उत्पन्न होने वाले खतरे के बारे में लोगों को जागरूक करने और लोगों को यह बताने के लिए कि हमारी जैव विविधता में मधुमक्खियों का बहुत महत्व है, विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया जाता है।
इस दिन को पूरे विश्व में बहुत ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता हैं।लोग इस दिन को बड़े आनंद से मनाते हैं। इस दिन के महत्व को समझाने के लिए विभिन्न कार्यशाला में बहुत से कार्यक्रम और गतिविधियां की जाती है। इस दिन बहुत से चैरिटी कार्यक्रम किए जाते हैं ताकि लोग मधुमक्खियों के बचाव के लिए धन से योगदान कर सकें।
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