न्यूज़ग्राम हिंदी: हर साल 18 अप्रैल के दिन देशभर में वर्ल्ड हेरिटेज डे(World Heritage Day 2023) मनाया जाता है। विश्वभर की इमारतों और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और उनके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। लोगों को उनके धरोहर और उसके मूल्य के बारे में बताने के लिए इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व।
स्मारक और स्थल के अंतरराष्ट्रीय परिषद( ICOMOS) ने साल 1982 में सांस्कृतिक इमारतों और धरोहरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाने का सुझाव दिया जिसे स्टॉकहोम के एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में माना गया। इसके बाद 18 अप्रैल 1978 को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर की स्थापना हुई जिसमें 12 स्थलों को विश्व स्मारक स्थल सूची में स्थान मिला। आगे चलकर 1982 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत हुई।
हर देश के इमारत और धरोहर की अपनी अलग कहानी और मूल्य है, इन्हीं मूल्यों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन विभन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। वर्ल्ड हेरिटेज वॉक और वर्ल्ड हेरिटेज फोटो जैसे दिवस भी इसी मकसद से मनाए जाते हैं।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र की अजंता की गुफाएं भारत की पहली ऐसी धरोहर है जो विश्व धरोहर सूची में आई। इसके बाद आगरा का ताज महल, ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर, मध्यप्रदेश में सांची का स्तूप और गया का महाबोधि विहार मंदिर इस सूची में शामिल है।
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