युवा का अर्थ होता है जवान। जवान आमतौर पर देश की आर्मी के लिए सेवा देने वाले लोगों को भी कहा जाता है। आज युवा दिवस के अवसर पर ये जानना बेहद ही रोचक रहेगा कि एक श्रेठ युवा होने की क्या पहचान होती है। किसी भी देश के युवा को उसके देश की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। कहते हैं कि युवा देश की आर्थीक स्तीथी को मज़बूत करने में कारगार होता है।
स्वामी विवेकांनद जी के जन्म दिवस को हर साल युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकांनद को देश के सबसे बड़े यूथ आइकन कहना कोई गलत नहीं होगा। उनकी सोच से युवाओं को प्रेणा मिलती रहती है। स्वामी विवेकांनद जी की ज़िदगी से बहुत कुछ सीखा जा सकता है ।
एक सच्चा और अच्छा युवा उसी को माना जाता है, जो हमेशा देश की मदद के लिए आगे रहे । जो नारी को इज्ज़त व सम्मान दें। सामाज में आवाज़ उठाने का काम भी युवाओं की ही जिम्मेदारी है । धर्म की रक्षा का जिम्मा भी युवाओं के कन्धों पर होता है । किसी भी देश की युवा शक्ति देश का नवनिर्माण कर सकती है । युवाओं के भीतर नए आइडिया , नई प्रतिभा , नई सोच , और कुछ नया करने की चाह समाई होती है ।
आज के समाज के युवा समाज से सिमटते से जा रहे है । चिड़चिड़ापन , गुस्सा , अभद्र भाषा की ओर ख़ुद को ले जा रहे हैं । अपने कर्तव्य से पीछे भाग रहे है । सारा समय और सारी ऊर्जा को फोन , गेम , सोशल मीडिया में लगा रहे हैं । युवाओं को उनका कर्तव्य समझना चाहिए और देश को एक नई दिशा देनी चाहिए।
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