Success Story - असफलता से डर कर नही डट कर सामना करना चहिए। मुस्तफा पीसी ऐसी ही व्यक्ति है जिन्होंने परेशानियों के सामने हार नहीं मानी और आज 2,000 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं। ये कहानी है आईडी फ्रेश फूड-इंडिया- प्राइवे लिमिटेड के सीईओ मुस्तफा पीसी की। किसी ने सोचा नहीं था कि एक दिहाड़ी मजदूर का बेटा एक दिन करोड़पति बन जाएगा।
मुस्तफा पीसी का जन्म केरल के एक सुदूर गांव में हुआ। परिवार की आर्थिक हालात खराब थी। पिता का आमदनी न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई ठीक से नहीं करवा सके। भाई-बहनों में सबसे बड़े मुस्तफा जब 10 साल के थे, तभी से उन्होंने काम करना शुरू कर दिया। पिता की मदद करने के लिए वो उनके साथ अदरक के खेतों में मजदूरी करते थे। पढ़ाई का वक्त नहीं मिल पाता इसलिए वो कक्षा 6 में फेल हो गए।
मुस्तफा फेल होने के बाद समझ चुके थे कि अगर जिंदगी को बदलना है तो पढ़ाई ही उनके सफलता का एकमात्र रास्ता बन सकता है। उन्होंने मेहनत करना शुरू किया। पढ़ाई के दम पर उन्हें अच्छे कॉलेज में दाखिला मिल गया। उन्हें एक कंपनी में नौकरी मिल गई। पहली सैलरी 14,000 रुपये थी। बाद में अमेरिका की एक स्टार्टअप कंप में उन्हें नौकरी मिल गई। वहां कुछ साल काम करने के बाद वो वापस देश लौट आए। पिता के सिर पर जो कर्ज था, उसे चुकाया।
मुस्तफा ने एक दिन अपने चचेरे भाई को पाउच में इडली-डोसा बैटर खरीदकर लाते देखा। उन्हें वहीं से आईडी फ्रेश फूड शुरू करने का आइडिया मिला। साल 2005 में बचत के 50 हजार रुपये निवेश किए। खुद स्कूटर से जाकर इडली-डोसा का बैटर बेचते थे। शुरुआत में 100 पैकेट बेचना भी मुश्किल था। कारोबार में नुकसान होने लगा,लेकिन वे लगे रहे।
मुस्तफा का इडली और डोसा का स्टार्टअप धीरे-धीरे बढ़ने लगा। बैंगलोर में 50 वर्ग फीट की दुकान से शुरू हुई कंपनी देशभर में फैलने लगी। उन्होंने अपने प्रोडक्ट को बढ़ाना शुरू किया। इडली-डोसा के अलावा मालाबार परांठा और रोटी, कॉफी भी शामिल किया। उनका कारोबार अब देशभर में फैलने लगा। साल 2017 में प्रेमजी ने उनकी कंपनी में 170 करोड़ रुपये का निवेश किया। साल 2023 में उनकी कंपनी आईडी फ्रेश फूड्स ने 500 करोड़ का टर्नओवर पूरा किया, कंपनी की वैल्यूएशन 2000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। आज उनकी कंपनी रोज 2,50,000 किलो इडली-डोसा बैटर और 52,000 परांठे प्रोसेस करती है।