पहले ही दौर में पास कर लिए रीट की परीक्षा, पढ़ाई के लिए लेना पड़ा था कर्ज

पिता कैलाशचंद मीणा और माता सरमा बाई के सपने को पूरा करने के लिए आठ किलोमीटर पैदल जाकर सरकारी स्कूल में पढ़ाई की।
Success Story : मुकेश मात्र 22 वर्ष की उम्र में शिक्षक बने। उन्होंने मन में जो ठाना था उस सपने को पूरा कर दिखाया। (Wikimedia Commons)
Success Story : मुकेश मात्र 22 वर्ष की उम्र में शिक्षक बने। उन्होंने मन में जो ठाना था उस सपने को पूरा कर दिखाया। (Wikimedia Commons)
Published on
2 min read

Success Story : शिक्षक समाज का दर्पण होता है। जैसे एक कुम्हार गीली मिट्टी को आकार देकर, उसे पका कर , एक सुंदर घड़ा बनाता है जिसका शीतल जल पी कर लोग अपना प्यास बुझाते है ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक बच्चों को शिक्षा के साथ - साथ अमूल्य विचार देकर उन्हें एक ऐसा व्यक्ति बनाता है जो समाज का कल्याण कर सकें। यही प्रेरणा के साथ मुकेश मात्र 22 वर्ष की उम्र में शिक्षक बने। उन्होंने मन में जो ठाना था उस सपने को पूरा कर दिखाया।

पिता कैलाशचंद मीणा और माता सरमा बाई के सपने को पूरा करने के लिए आठ किलोमीटर पैदल जाकर सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। कड़ी मेहनत से पहले ही दौर में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की परीक्षा पास कर लिया। वर्तमान में मुकेश राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहनपुरा में कार्यरत है। पहाड़ी की तलहटी पर एक झुग्गी-झोपड़ी में परिवार रहते है। घर में बिजली नहीं थी, टॉर्च जलाकर पढ़ाई की।

कर्ज लेकर बेटे की पढ़ाई करवाई

शुरू से ही मुकेश को पढ़ने में रूचि थी। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। माता-पिता खेती में मजदूरी करके बच्चों का लालन-पालन करते थे। कर्जा लेकर बेटे की पढ़ाई कराई। कक्षा आठ में अच्छी रैंक आने पर टेबलेट मिल। मुकेश यही नहीं रूका उसके 10 वीं में 82 प्रतिशत व 12 वीं में 83 प्रतिशत अंक हासिल कर लैपटॉप मिला।

सपने को पूरा करने के लिए आठ किलोमीटर पैदल जाकर सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। 
(Wikimedia Commons)
सपने को पूरा करने के लिए आठ किलोमीटर पैदल जाकर सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। (Wikimedia Commons)

पढ़ाई में लग्न देख शिक्षक ने किया प्रेरित

मेधावी छात्र होने से उसकी पढ़ाई में लग्न देखते हुए शिक्षक ने भी प्रेरित किया। 12वीं के बाद मुकेश का बीएसटीसी में चयन हुआ। बीएसटीसी में चयन होने के बाद शक्करगढ़ निवासी हाल गुढ़ा के शिक्षक हरलाल गुर्जर ने आर्थिक सहयोग किया। फिर शिक्षक बनने की तैयारी शुरू कर दी।

प्रदेश में एसटी केटेगिरी में दूसरे नंबर रहे

2021 में रीट की भर्ती आई और भर्ती में परीक्षा के दौरान पहले ही दौर में इस परीक्षा को पास कर लिया और मई 2022 में मुकेश की पोस्टिंग हो गई। इस परीक्षा में मुकेश ने प्रदेश में एसटी केटेगिरी में दूसरे नंबर, जबकि ऑल राजस्थान में 55 वें नंबर अंक हासिल किया।

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com