विवाहित जोड़े इस चट्टान के समाने आकार , साथ रहने की कसमें खाते है जानें ऐसा क्यों?

विवाहित जोड़े इन चट्टानों को पवित्र मानकर इनके सामने शादी करते हैं। चट्टानों की धार्मिक मान्यताओं और उसके चारों ओर के सुंदर प्राकृतिक नजारे को देखते हुए लोग बड़ी संख्या में यहां घूमने के लिए भी आते हैं।
The Wedded Rocks : मेओटो इवा जापान में दो पवित्र चट्टाने हैं, जिन्हें ‘पति और पत्नी चट्टानें’ या ‘विवाहित चट्टानें’ भी कहा जाता है। (Wikimedia Commons)
The Wedded Rocks : मेओटो इवा जापान में दो पवित्र चट्टाने हैं, जिन्हें ‘पति और पत्नी चट्टानें’ या ‘विवाहित चट्टानें’ भी कहा जाता है। (Wikimedia Commons)
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The Wedded Rocks : मेओटो इवा जापान में दो पवित्र चट्टाने हैं, जिन्हें ‘पति और पत्नी चट्टानें’ या ‘विवाहित चट्टानें’ भी कहा जाता है। आप सोच रहे होंगे कि इन चट्टानों का ऐसा नाम क्यों है? दरहसल, ये चट्टानें पुरुष और महिला के बीच मिलन, प्यार और सुखद गृहस्थ जीवन का प्रतीक मानी जाती हैं। विवाहित जोड़े इन चट्टानों को पवित्र मानकर इनके सामने शादी करते हैं। चट्टानों की धार्मिक मान्यताओं और उसके चारों ओर के सुंदर प्राकृतिक नजारे को देखते हुए लोग बड़ी संख्या में यहां घूमने के लिए भी आते हैं। देखने के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों के दौरान सुबह का होता है, जब सूरज उनके बीच उगता हुआ दिखाई देता है, तो बड़ा ही खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।

कैसी है इसकी आकृति?

ये दोनों चट्टानें जापान के शहर फ़ुटामी के पास समुद्र में स्थित हैं। दो में से एक बड़ी चट्टान लगभग 40 मीटर परिधि के साथ 9 मीटर ऊंची है। उसका नाम इजानगी है और वह पति का प्रतीक है, जिसके शिखर पर एक छोटा सा शिंटो टोरी गेट है। इस चट्टान के दाईं ओर 3.6 मीटर ऊंची चट्टान है, जिसका नाम इजानामी है, जो लगभग 9 मीटर गोल है। वह एक पत्नी के रूप में प्रतिनिधित्व करती है।

यह रस्सी शिमेनावा कहलाने वाले चावल के डंठल से बनी हुई होती है। (Wikimedia Commons)
यह रस्सी शिमेनावा कहलाने वाले चावल के डंठल से बनी हुई होती है। (Wikimedia Commons)

विवाहित है ये चट्टाने

दोनों चट्टानें विवाहित होने के कारण ही शिमेनावा रस्सी से जुड़ी हुई हैं, जो आध्यात्मिक और सांसारिक क्षेत्रों के बीच विभाजन का एक प्रतीक है। आपको बता दे की यह रस्सी शिमेनावा कहलाने वाले चावल के डंठल से बनी हुई होती है, और इनका वजन लगभग एक टन होता है और इस रस्सी को साल में तीन बार मई, सितंबर और दिसंबर में आयोजित एक समारोह में बदल दिया जाता है।

तीर्थ स्थल की दी गई है मान्यता

मेओटो इवा को आज विवाह के लिए एक तीर्थस्थल के रूप में माना जाता है। लोग इन चट्टानों को पवित्र मानते है और इनके सामने एक-दूसरे से विवाह करते हैं और हमेशा जीवनभर साथ रहने का वादा करते है। नवविवाहित जोड़े चट्टानों को देवता स्वरूप मानकर उनके सामने प्रर्थाना करते हैं कि उनकी शादी उतनी ही मजबूत और स्थायी रहे, जितनी की ये दोनों चट्टानों की है। चट्टानें शिंटो मान्यताओं के अनुसार, चट्टानें पुरुष और महिला के विवाह में मिलन का जश्न मनाती हैं।

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