ऐसा द्वीप, जहां देख सकते है आप अपना आने वाला कल

टाइम मशीन के बारे में देखते है जो बड़ा आश्चर्य में डाल देता है हमे। क्या सच में ऐसी कोई मशीन या कोई जगह है जहा जाकर हम अपना भविष्य देख सकते हो? जी हां। पृथ्वी पर एक ऐसी ही जगह है
Time Travel - क्या सच में टाइम ट्रैवल संभव है? हम आय दिन किसी फिल्म , किसी कार्टून में टाइम मशीन के बारे में देखते है जो बड़ा आश्चर्य में डाल देता है हमे।(Wikimedia Commons)
Time Travel - क्या सच में टाइम ट्रैवल संभव है? हम आय दिन किसी फिल्म , किसी कार्टून में टाइम मशीन के बारे में देखते है जो बड़ा आश्चर्य में डाल देता है हमे।(Wikimedia Commons)
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Time Travel - टाइम ट्रैवल का सुनते ही मन में बहुत सी जिज्ञासा उत्पन्न होने लगती है, आखिर क्या सच में टाइम ट्रैवल संभव है? हम आय दिन किसी फिल्म , किसी कार्टून में टाइम मशीन के बारे में देखते है जो बड़ा आश्चर्य में डाल देता है हमे। क्या सच में ऐसी कोई मशीन या कोई जगह है जहा जाकर हम अपना भविष्य देख सकते हो? जी हां। पृथ्वी पर एक ऐसी ही जगह है जहा टाइम ट्रैवल संभव है। ये जगह डायोमीड द्वीप, जिसे बिग डायोमीड और लिटिल डायोमीड में बांटा गया है।

बिग डायोमीड और लिटिल डायोमीड के बीच की दूरी सिर्फ 4.8 किलोमीटर है। इसके बावजूद लोग अतीत और भविष्य का सफर बताते हैं। प्रशांत महासागर से गुजरने वाली इंटरनेशनल डेट लाइन को इसकी वजह माना जा रहा है। इस काल्पनिक रेखा से बिग डायोमीड और लिटिल डायोमीड के बीच एक दिन का अंतर हो जाता है। उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव से जाने वाली इंटरनेशनल डेट लाइन एक काल्पनिक रेखा है। यह कैलेंडर के एक दिन और दूसरे दिन के बीच की सीमा है। बिग डायोमीड को Tomorrow और लिटिल डायोमीड को Yesterday Island के नाम से भी लोग जानते हैं। अगर आप रविवार को एक छोर से चलेंगे तो दूसरे छोर तक पहुंचते ही सोमवार हो जाएगा ऐसे ही आप भविष्य से अतीत में भी लौट सकते हैं।

 ब्रह्मांड में टाइम और स्पेस चादर के रूप में एक-दूसरे से जुड़े हैं। (Wikimedia Commons)
ब्रह्मांड में टाइम और स्पेस चादर के रूप में एक-दूसरे से जुड़े हैं। (Wikimedia Commons)

क्या कहना था अल्बर्ट आइंस्टीन का?

मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने सन 1905 में एक सिद्धांत दिया था, जिसका नाम सापेक्षतावाद है, जिसमें उन्होंने बताया था कि ब्रह्मांड में टाइम और स्पेस चादर के रूप में एक-दूसरे से जुड़े हैं। अल्बर्ट आइंस्टीन के सिद्धांत के मुताबिक, गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव की वजह से यह चादर नीचे की तरफ मुड़ती है जिससे रेखा में बदलाव नजर आता है। वर्तमान समय के वैज्ञानिकों ने इसी सिद्धांत के आधार पर समय यात्रा करने के कई तरीकों की खोज की है, जिनका इस्तेमाल करके समय यात्रा की जा सकती है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 1987 में अमेरिका ने रूस से अलास्का को खरीदा था। (Wikimedia Commons)
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 1987 में अमेरिका ने रूस से अलास्का को खरीदा था। (Wikimedia Commons)

अमेरिका ने खरीद लिया था

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 1987 में अमेरिका ने रूस से अलास्का को खरीदा था। तब दोनों देशों की तरफ से बिग डायोमीड और लिटिल डायोमीड के माध्यम से सीमा को रेखांकित किया गया था। इन दोनों द्वीपों का नाम डेनिश-रशियन नाविक विटस बेरिंग ने रखा गया था, जिन्हों ने 16 अगस्त, 1728 में इन दोनों द्वीपों को खोजा था।

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