इस्लाम में तलाक तीन तरह के होते हैं, जानिए शरिया के जरिये क्या है तलाक के नियम

इस्लामी कानून के आधार पर पहला तलाक यानी शादी खत्म करना, खुल यानी आपसी सहमति से अलग हो जाना और फस्ख अर्थात् धार्मिक अदालत के समक्ष विवाह विच्छेद करना। ऐतिहासिक तौर पर माने तो तलाक के नियम शरिया के जरिये शासित होते थे
Type of divorce in Islam: तलाक-ए-हसन के दौरान पति अपनी पत्नी को 3 महीने में तलाक देता है।(Wikimedia Commons)
Type of divorce in Islam: तलाक-ए-हसन के दौरान पति अपनी पत्नी को 3 महीने में तलाक देता है।(Wikimedia Commons)

Type of divorce in Islam: केंद्र सरकार ने कानून लाकर तीन तलाक को गैर-कानूनी बता दिया है। लेकिन इस्लामी कानून में कई तरह से तलाक लिया जाता है। कुछ में तलाक की प्रक्रिया पति द्वारा शुरू होता है तो कुछ में इसकी शुरुआत पत्नी कर सकती है। इस्लामी कानून के आधार पर पहला तलाक यानी शादी खत्म करना, खुल यानी आपसी सहमति से अलग हो जाना और फस्ख अर्थात् धार्मिक अदालत के समक्ष विवाह विच्छेद करना। ऐतिहासिक तौर पर माने तो तलाक के नियम शरिया के जरिये शासित होते थे, लेकिन सवाल ये उठता है कि इन तीनों तरह के तलाक में होता क्या है और किसे कौन शुरू करता है?

तलाक-ए-हसन

तलाक-ए-हसन के दौरान पति अपनी पत्नी को 3 महीने में तलाक देता है। इसमें वह पत्नी को हर एक महीने के अंतराल पर एक बार तलाक कहता है। इसमें कुछ नियम है जैसे जब पति पहली बार पत्नी को तलाक बोले, तब बीवी का मासिक धर्म नहीं चल रहा हो। इसके बाद दूसरी बार तलाक बोलने से पहले दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिशें की जाती हैं। यदि सुलह नहीं होती है तो पति तीसरा तलाक भी बोल देता है। परंतु इस दौरान पति-पत्नी ने इन 3 महीनों में एक बार भी संबंध बना लिया तो वह तलाक मान्य नहीं हो सकता है।

तलाक-ए-अहसन

तलाक-ए-अहसन में पति अपनी पत्नी से सिर्फ एक बार ही तलाक बोलता है। इसके बाद वे दोनों अगले 3 महीने तक एक ही छत के नीचे रहते हैं। इस दौरान दोनों एक-दूसरे से दूरी बनाए रखते हैं। तलाक-ए- अहसन में अगर पति तलाक वापस लेना चाहता है तो 3 महीने में कभी भी ले सकता है। यदि वह ऐसा नहीं करता है तो 3 महीने पूरे होने पर दोनों का विवाह विच्छेद हो जाता है।

कोई महिला अपने शौहर से खुला लेती है तो उसको अपनी जायदाद का कुछ हिस्सा वापस करना पड़ता है।(Wikimedia Commons)
कोई महिला अपने शौहर से खुला लेती है तो उसको अपनी जायदाद का कुछ हिस्सा वापस करना पड़ता है।(Wikimedia Commons)

तलाक-ए-बिद्दत

इसमें पति अपनी पत्नी को एक बार में ही तीन बार तलाक बोल देता है। इसमें एकसाथ तीन बार तलाक बोलने के तुरंत बाद विवाह विच्छेद हो जाता है। केंद्र सरकार ने कानून लाकर इसी तलाक को गैर- कानूनी कर दिया है। अब भारत देश में तीन तलाक देने पर पत्नी चाहे तो पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकती है।

खुला में पत्नी लेती है तलाक

खुला तलाक का ही एक रूप है, इसमें महिला शादी खत्म करने की प्रक्रिया शुरू करती है। इसके जरिये महिला अपने शौहर से संबंध तोड़ सकती है। खुला का जिक्र कुरान और हदीस में भी है। लेकिन कोई महिला अपने शौहर से खुला लेती है तो उसको अपनी जायदाद का कुछ हिस्सा वापस करना पड़ता है।

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