अच्छी फ़सल के लिए महिलाओं को जिंदा दफनाने की परंपरा, वैज्ञानिकों को मिले चौका देने वाले सबूत

लगभग हर धर्म में ही जानवरों की बलि देने की परंपरा रही है। अब वैज्ञानिकों ने भी ऐसे सूबतों की खोज की है, जिनसे यह साबित होता है कि एक समय धार्मिक अनुष्ठानों में इंसानों की भी बलि दी जाती थी।
Unique Rituals for Agriculture : महिलाओं को जिंदा बांधकर दफनाया जाता था। इन महिलाओं को अनाज रखे जाने वाले गड्ढे में दफना दिया जाता था। (Wikimedia Commons)
Unique Rituals for Agriculture : महिलाओं को जिंदा बांधकर दफनाया जाता था। इन महिलाओं को अनाज रखे जाने वाले गड्ढे में दफना दिया जाता था। (Wikimedia Commons)

Unique Rituals for Agriculture : प्राचीन समय में कई ऐसी प्रथाएं निभाई जाती थीं,जिनका आज भी नियमानुसार पालन किया जाता है। धार्मिक अनुष्ठानों में बलि देने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। लगभग हर धर्म में ही जानवरों की बलि देने की परंपरा रही है। अब वैज्ञानिकों ने भी ऐसे सूबतों की खोज की है, जिनसे यह साबित होता है कि एक समय धार्मिक अनुष्ठानों में इंसानों की भी बलि दी जाती थी। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि इस दौरान बलि के तौर पर औरतों को बांधकर दफनाया जाता था। आपको बता दें दुनिया के सबसे विकसित माने जाने वाले देशों में ऐसी बलि दी जाती थी।लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के आधार पर, दक्षिणी फ्रांस के सेंट-पॉल-ट्रोइस-चैटो में एक मकबरे से तीन कंकाल खोज कर निकाले गए। 20 साल पहले निकाले गए यह कंकाल 5,500 साल पुराने हैं। इनसे पता लगता है कि नवपाषाण युग में एक तरह का धार्मिक अनुष्ठान किया जाता था। जिसके लिए महिलाओं को जिंदा बांधकर दफनाया जाता था। इन महिलाओं को अनाज रखे जाने वाले गड्ढे में दफना दिया जाता था। जब इनमें से 2 कंकालों की एक बार फिर व्याख्या की गई है, तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ। इसमें बताया गया है कि महिलाओं को जानबूझकर मारा जाता था।

खास तरीके से बांधा जाता था महिलाओं को

महिलाओं को इनकैप्रेटामेंटो नामक तरीके से बांधकर दफनाया जाता था। इसमें पहले उनकी गर्दन को पैरों के बीच फंसा दिया जाता था इसके बाद पीठ से बांधा जाता था। ऐसा करने से महिलाओं की सिर्फ कुछ घंटों में ही मौत हो जाती थी। कब्र में मिली तीसरी महिला की उम्र ज्यादा थी, तो हो सकता है कि उसकी मौत प्राकृतिक वजहों से हुई हो। साइंस एडवांसेज जर्नल के एक शोध के अनुसार, इस तरह के एक दर्जन से ज्यादा लोगों की पहचान हुई है। वैज्ञानिक मानते हैं कि यूरोप के करीब सभी देशों में लगभग 2000 साल तक यह प्रथा थी।

कब्र में कई कृषि उपकरणों को दफनाया जाता था। ऐसा कहा जा सकता है कि खेती के लिए यह अनुष्ठान किया जाता था। (Wikimedia Commons)
कब्र में कई कृषि उपकरणों को दफनाया जाता था। ऐसा कहा जा सकता है कि खेती के लिए यह अनुष्ठान किया जाता था। (Wikimedia Commons)

क्यों किया जाता था ऐसा अनुष्ठान?

शोध के मुखिया और पॉल सबेटियर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एरिक क्रुबेजी ने इस प्रथा के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने बताया कि कब्र में कई कृषि उपकरणों को भी दफनाया जाता था। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि खेती के लिए यह अनुष्ठान किया जाता था। हो सकता है कि यह मान्यता रही हो कि इससे पैदावार अच्छी होती है।

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