Why Every City has name pur : भारत देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। प्रत्येक राज्य में कई जिले हैं और यहां हर जगह का अपना इतिहास, संस्कृति और परंपरा है। प्रत्येक गांव या शहर की पहचान उसके नाम से की जाती है। आपने ऐसे बहुत से शहर या गांव देखे होंगे, जिनके नाम के पीछे "पुर" लगा होता है। जैसे शाहजहांपुर, नागपुर, रायपुर, रामपुर, कानपुर, सहारनपुर, जयपुर, उदयपुर आदि। लेकिन इनके पीछे पुर क्यों लगाया जाता है? आज हम आपको यहीं बताएंगे, तो आइए जानें इसका असली वजह क्या है।
“पुर” शब्द एक प्राचीन संस्कृत शब्द है, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में भी किया गया है। यदि आप पुराने समय के कोई भी राज्य का नाम सुने होंगे, तो वहां भी आपको पुर लगा हुआ मिलेगा। कोई भी राजा अपने राज्य के नाम के पीछे पुर जरूर लगाता था। शायद इसी वजह से राजस्थान के राजा जयसिंह ने भी जयपुर के पीछे पुर लगाया था। शहरों के नामों के पीछे पुर लगाने की परंपरा भले ही अनोखी हो, लेकिन यह सालों से चली आ रही है। महाभारत काल में भी हस्तिनापुर के लिए पुर शब्द का इस्तेमाल किया गया था।
इसका कारण जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि पुर का अर्थ क्या है। शहरों के नाम के पीछे पुर लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। पर कोई भी पुर का मतलब नहीं जानता है। दरअसल, पुर का मतलब होता है शहर या फिर किला। यदि आपने गौर किया हो, तो जिन शहरों के नाम के पीछे पुर लगा होता है, उस जगह या फिर उसके आसपास किले जरूर होते हैं।
भारत में तो शहरों या गांवों के नाम के पीछे पुर का इस्तेमाल होना आम बात है। लेकिन भारत के अलावा अफगानिस्तान और ईरान में भी यह परंपरा सालों से चली आ रही है। कुछ लोगों का मानना हैं कि पुर अरबी भाषा का शब्द है। शायद इसी वजह से अफगानिस्तान और ईरान के शहरों के नाम के पीछे पुर लगाया जाता है।