विजय दिवस पर देशवासियों से असली नायकों की शहादत को याद करने की अपील: राजीव चंद्रशेखर

विजय दिवसर पर आईटी राज्य मंत्री ने सेवारत और पूर्व सैनिकों समेत सैन्यबल के कर्मियों को पाकिस्तान पर भारत की जीत की शुभकामनाएं दीं।
विजय दिवस पर देशवासियों से असली नायकों की शहादत को याद करने की अपील (Wikimedia)
विजय दिवस पर देशवासियों से असली नायकों की शहादत को याद करने की अपील (Wikimedia)राजीव चंद्रशेखर
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 केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (Ministry of Electronics and Information Technology) और कौशल विकास एवं उद्यमिता (MSDE) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को विजय दिवस (Vijay Diwas) के अवसर पर राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्प अर्पित कर 1971 के भारत-पाक युद्ध (India Pakistan War) में अपने प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों की शहादत को याद करते हुए देशवासियों से कुछ क्षण के लिए बहादुर सैनिकों और असली नायकों की शहादत को याद कर उन्हें नमन करने की अपील भी की।

एक सैनिक के परिवार में पैदा हुए चंद्रशेखर ने विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही ट्वीट कर कहा, जिन सैनिकों ने हमारे लिए बलिदान दिया है उनको विजय दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करना मेरी वार्षिक परंपरा है। हमारे भविष्य के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सैनिकों और उनके परिवारों को मेरा सलाम।

कारगिल विजय दिवस
कारगिल विजय दिवसWikimedia

विजय दिवस पर आईटी राज्य मंत्री ने सेवारत और पूर्व सैनिकों समेत सैन्यबल के कर्मियों को पाकिस्तान पर भारत की जीत की शुभकामनाएं दीं। आपको बता दें कि, आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, एक एयर कमोडोर (सेवानिवृत्त) के पुत्र हैं और बतौर सांसद यह उनका तीसरा कार्यकाल है। एक सांसद के रूप में उन्हें सैनिकों से संबंधित मसलों को प्रमुखता से उठाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने अनेक अवसरों पर कहा है कि किसी समाज का चरित्र इस बात से प्रतिबिंबित होता है कि वह समाज देश की रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों के प्रति किस प्रकार आभार व्यक्त करता है।

राजीव चंद्रशेखर ने दिल्ली और अपने गृह शहर बेंगलुरु में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की स्थापना के लिए सक्रियता के साथ अभियान चलाया था। उन्होंने इसके लिए सरकारी प्राधिकरणों को अनेक पत्र लिखे और संसद में भी सवाल उठाए। उनके सतत प्रयत्न का नतीजा तब आया जब 7 अक्टूबर 2015 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण को मंजूरी दी। राजीव चंद्रशेखर, राष्ट्रीय सैन्य स्मारक समिति के अध्यक्ष भी थे और सुप्रीम कोर्ट तक चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद बेंगलुरु में राष्ट्रीय सैन्य स्मारक के निर्माण को मूर्त रूप देने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।

विजय दिवस पर देशवासियों से असली नायकों की शहादत को याद करने की अपील (Wikimedia)
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आईटी राज्य मंत्री का योगदान 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाने में भी रहा है। इसके लिए वह लगातार मांग करते रहे। आखिरकार संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्री ने 2010 से कारगिल विजय दिवस के अवसर पर पुष्पांजलि अर्पित करने की परंपरा शुरू की। उसके बाद से देश के नागरिकों और भारत सरकार द्वारा आधिकारिक तौर कारगिल विजय दिवस हर साल पर मनाया जाता है।

आईएएनएस/PT

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