विश्वविद्यालय में एडमिशन के बाद भारतीय मूल के छात्रों को जल्द ही ऑस्ट्रेलिया देगा वीजा

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों को वीजा संबंधी समस्याओं का एक बड़ा समाधान मिल सकता है।
विश्वविद्यालय में एडमिशन के बाद भारतीय मूल के छात्रों को जल्द ही ऑस्ट्रेलिया देगा वीजा
विश्वविद्यालय में एडमिशन के बाद भारतीय मूल के छात्रों को जल्द ही ऑस्ट्रेलिया देगा वीजाDharmendra Pradhan (IANS)

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों को वीजा संबंधी समस्याओं का एक बड़ा समाधान मिल सकता है। दरअसल भारत सरकार से चर्चा के उपरांत ऑस्ट्रेलिया ने अपने विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला लेने वाले भारतीय छात्रों की वीजा संबंधी समस्याओं के त्वरित समाधान का आश्वासन दिया है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर के साथ इस विषय पर विचार-विमर्श किया। क्लेयर ने ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में नामांकित भारतीय छात्रों की वीजा संबंधी समस्याओं के त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। प्रधान ने इस प्रगतिशील कदम का हार्दिक स्वागत किया। धर्मेंद्र प्रधान ने मंत्री क्लेयर को लेबर पार्टी की नई सरकार के तहत अपना पदभार ग्रहण करने पर बधाई भी दी।

प्रधान ने कौशल कहा कि उच्च शिक्षा एवं स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया प्रसिद्ध है। प्रधान ने बताया कि इस क्षेत्र में गहन सहयोग और भारतीय श्रमशक्ति को विश्वस्तरीय कौशल से लैस करने के बारे में भी ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा की बात की गई है। इससे दोनों देशों के बीच एक सकारात्मक तालमेल पैदा होगा।

प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री क्लेयर को भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और विभिन्न तौर-तरीकों के माध्यम से शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के विस्तारित दायरे के साथ-साथ गिफ्ट सिटी के संस्थानों के लिए अनुकूल वातावरण के बारे में जानकारी दी।

गौरतलब है कि उच्च शिक्षा में एक बड़ा सकारत्मक बदलाव होने जा रहा है। इसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों में एक समान फ्रेमवर्क होगा। इस फ्रेमवर्क का लाभ उन भारतीय छात्रों को मिलेगा जो विदेशी यूनीवर्सिटी से ड्यूल डिग्री और ज्वाइंट डिग्री लेना चाहते हैं। भारतीय छात्र इस बदलाव के उपरांत विदेशी यूनीवर्सिटी में दाखिला लेने के पात्र होंगे। उच्च शिक्षा में क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क का लेवल अलग-अलग होने के कारण छात्र ड्यूल डिग्री में दाखिला नहीं ले सकते थे। हालांकि अब उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह समस्या नहीं रहेगी।

विश्वविद्यालय में एडमिशन के बाद भारतीय मूल के छात्रों को जल्द ही ऑस्ट्रेलिया देगा वीजा
भारत और UK के बीच हुआ छात्रों की आवाजाही का समझौता

दरअसल UCG ने नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NHEQF) में बदलाव किया है। हायर एजुकेशन में पांच से लेकर 10 तक के लेवल को कम करके 4.5 से 8 लेवल तक कर दिया गया है। यह फ्रेमवर्क ग्रेजुएशन से लेकर PHD तक लागू होगा। उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के लिए मूल्यांकन के कुछ मानदंड स्थापित किए हैं और इसे 5 से 10 के लेवल में विभाजित किया था। वहीं 1 से 4 लेवल स्कूली शिक्षा को कवर करता है।

गौरतलब है कि दुनियाभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में 6 से लेकर 12 तक लेवल हैं। विश्व में सर्वाधिक स्कॉटलैंड के 12 लेवल है। न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और मलयेशिया का लेवल 10 है। यूरोप के देशों में उच्च शिक्षा में यह 8 लेवल है। हांगकांग, सिंगापुर 7 लेवल और थाईलैंड 6 लेवल पर पढ़ाई करवाता है।

(आईएएनएस/AV)

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com