झारखंड (Jharkhand) के जमशेदपुर (Jamshedpur) स्थित केसीसी आई हॉस्पिटल (KCC Eye Hospital) में गलत इलाज ने आठ लोगों की आंखों की रोशनी छीन ली है। इनमें से एक बुजुर्ग गंगाधर सिंह के इलाज के दौरान उनकी दाईं आंख निकालकर उसकी जगह कांच की गोली लगा दी गई। मामले का खुलासा 11 महीने बाद हुआ है। इसके बाद हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ जमशेदपुर के साकची थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। गलत इलाज के चलते रोशनी गंवाने वाले सभी लोग जमशेदपुर के घाटशिला अनुमंडल के कीताडीह गांव के रहने वाले हैं। पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन (Civil Surgeon) ने गांव पहुंचकर मामले की जांच की है। उन्होंने इसकी रिपोर्ट जिले के डीसी (DC) को सौंप दी है।
बताया गया है कि एक आंगनबाड़ी (Anganwadi) सेविका इस गांव के आठ लोगों को मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने के लिए बीते वर्ष नवंबर में जमशेदपुर के कालीमाटी रोड स्थित केसीसी आई हॉस्पिटल लेकर आई थी। इन सभी लोगों को मोतियाबिंद और आंख की दूसरी परेशानियां थीं। कहा गया था कि सभी का इलाज सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत नि:शुल्क होगा। हॉस्पिटल में गंगाधर सिंह, छिता हांसदा, टेटे गिरी, डेबा मुर्मू, माजोल, भानु, माझी मुर्मू और पात्रो मुर्मू को इलाज के बाद दूसरे दिन घर भेज दिया गया। इलाज और ऑपरेशन के बाद भी इनमें से किसी की परेशानी दूर नहीं हुई। इसके बजाय सभी की आंखों की रोशनी चली गई।
मरीजों में से एक गंगाधर सिंह, हॉस्पिटल से लौटने के बाद आंख में दर्द से परेशान थे। उन्होंने हॉस्पिटल से संपर्क किया तो उन्हें वापस इलाज के लिए लाया गया। कुछ दिनों के लिए कोलकाता भी ले जाया गया। गंगाधर सिंह के किसी परिजन को उनके साथ हॉस्पिटल नहीं जाने दिया गया। कोलकाता के हॉस्पिटल से उन्हें वापस गांव लाकर छोड़ दिया गया। बीते दो अक्टूबर को उनकी आंख में दर्द और खुजली होने लगी। आंख मलने पर कांच की गोली निकलकर हाथ में आ गई। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा। स्वास्थ्य विभाग को शिकायत की गई। बाकी सात मरीजों की आंखों से भी पानी गिर रहा है। रोशनी भी पूरी तरह गायब है।
घाटशिला पहुंचकर मामले की जांच करने के बाद पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन ने कहा कि वे इस मामले में हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा के साथ अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप देंगे। घाटशिला के एसडीओ (SDO) ने भी इस मामले में में पीड़ितों से जानकारी ली है। इस बीच पीड़ितों की आंख की जांच के लिए तीन डॉक्टरों के बोर्ड का गठन किया गया है।
आईएएनएस/PT