दिल्ली में Road Name Change की मांग करते हुए भाजपा ने लिखा पत्र

दिल्ली में Road Name Change की मांग करते हुए भाजपा ने लिखा पत्र [Wikimedia Commons]
दिल्ली में Road Name Change की मांग करते हुए भाजपा ने लिखा पत्र [Wikimedia Commons]

न्यूज़ग्राम हिन्दी: उत्तरप्रदेश में City Name Change के बाद अब देश की राजधानी दिल्ली में भी नाम परिवर्तन की मांग बढ़ गई है। इसी क्रम में सड़कों का नाम बदलने (Road Name Change) को लेकर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता (Adesh Gupta) ने दिल्ली नगर पालिका परिषद (Delhi Municipal Council) को एक पत्र लिखा है। पत्र में गुरु गोविंद सिंह जी के 400वें प्रकाश पर्व का जिक्र करते हुए कहा कि हमें अपने आने वाली पीढ़ी को एक ऐसी धरोहर सौपनी चाहिए जिसपर वो गर्व करें और प्रेरणा पाएं। यहाँ बात दें कि पूरा देश इस वर्ष को सिक्खों के 10वें गुरु श्री गोविंद सिंह (Guru Govind SIngh) जी के 400 वें प्रकाश पर्व और मुग़लों से कड़ा मुकाबला करने वाले महान योद्धा महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) जी के 482वीं जयंती के रूप में माना रहा है।

पत्र में आग्रह करते हुए कहा गया है कि गुरु गोविंद जी ने खालसा पंथ (Khalsa Panth) की स्थापना के साथ-साथ उन्होंने अपने देश और धर्म के लिए अपने 4 सुपुत्रों का भी बलिदान कर दिया। ऐसी महान विभूति का नाम युगों-युगों तक स्मरण किया जाना चाहिए। और इसलिए मुग़ल काल की गुलामी का प्रतीक तुग़लक रोड (Tughlaq Road) का नाम बदल कर गुरु गोविंद सिंह मार्ग (Guru Govind Singh Marg) कर दिया जाना चाहिए।

और कौन से Road Name Change की मांग है?

भाजपा द्वारा तुग़लक रोड के अतिरिक्त अकबर रोड (Akbar Road) का नाम भी बदल कर वीर योद्धा महाराणा प्रताप के नाम पर किये जाने की मांग कि गई है। महाराणा प्रातप केवल मेवाड़ के ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष कि आन बन शान का प्रतीक हैं, जो हर वर्ग और उम्र के व्यक्ति के लिए प्रेरणा हैं।

इसके साथ ही औरंगजेब लेन (Aurangjeb Lane)  का नाम बदलकर भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक, मिसाइल मैन के नाम से प्रख्यात डॉ. ऐपीजे अब्दुल कलाम लेन (Dr. APJ Abdul Kalam Lane) किए जाने की मांग की गई है।

पत्र में बाबर लेन (Babur Lane) और ह्यूमायूं रोड (Hyumayun Road) का नाम बदलकर क्रमशः खुदीराम बोस लेन (Khudiram Bose Lane) और महर्षि वाल्मीकि रोड (Maharshi Valmiki Road) किये जाने की मांग रखी गई है।

खुदीराम बोस जी देश के वो ज्वलंत और क्रांतिकारी देशभक्त थे जो मात्र 18 वर्ष की आयु में ही अपने देश के लिए फांसी पर चढ़ गए।

आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण जैसे महाकाव्य को रच कर ना केवल श्री राम जी के प्रेरणा पूर्ण जीवन को ही हम तक पहुंचाया, बल्कि इसके माध्यम से हमें जीवन के सत्य और कर्तव्य से परिचित भी करवाया।

इसके साथ ही शाहजहाँ रोड (Shahjahan Road) का नाम बदलकर भारत के प्रथम रक्षा प्रमुख, चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ रहे भारत के भूत पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन सिंह रावत (General Bipin Singh Rawat) के नाम पर किए जाने की मांग भी पत्र में की गई है।

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