70 साल बाद भारत में लौटे चीते

चीतों के दल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में विमुक्त किया।
70 साल बाद भारत में लौटे चीते
70 साल बाद भारत में लौटे चीते IANS

मध्य प्रदेश और देश के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि नामीबिया से लाए गए चीतों के दल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में विमुक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी विशेष विमान से ग्वालियर और फिर वहां से हेलीकॉप्टर से कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे। यहां उन्होंने नामीबिया से पिंजरों में लाए गए चीतों को बाड़े में छोड़ा। यह चीते जब पिंजरे से बाहर निकले तो कुछ की चाल तेज कदमों वाली थी तो कुछ आहिस्ते से बाड़े में प्रवेश कर गए।

प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने पिंजरे से बाहर आते चीतों का ताली बजाकर स्वागत किया और कैमरे से कुछ तस्वीरें भी उतारी।

जिन बाड़ों में इन चीतों को छोड़ा गया है, उन्हें चारों ओर से हरे रंग की चादर से कवर किया गया है, ताकि यहां आए चीतों को हरियाली का अहसास हो।

नामीबिया से चीतों को विशेष तरह से बनाए गए लकड़ी के बॉक्स में लाया गया है। इन आठ चीतों को लेकर अफ्रीका के वेटनरी चिकित्सकों का दल भी आया है। जिन पिंजरों में इन चीतों को लाया गया उनमें इस तरह की व्यवस्था है कि उन्हें हवा आसानी से मिल सके और सांस आदि लेने में दिक्कत न हो। इन चीतों को ग्वालियर से विशेष हेलीकॉप्टर से कूनो लाया गया, इसके साथ ही बड़े जंगली जानवरों को पुनस्र्थापित करने की दुनिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय परियोजना का शुभारंभ किया गया।

बताया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने दो बाड़ों में चीते विमुक्त किए। वन विभाग के अधिकारियों के दल ने नामीबिया की चीता प्रबंधन तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। परियोजना के एकीकृत प्रबंधन में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के 750 वर्ग किलोमीटर में लगभग दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए उपयुक्तता है। इसके अतिरिक्त करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी में चीतों के स्वच्छंद विचरण के लिए उपयुक्त है।

(आईएएनएस/HS)

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