

सामूहिक आत्मसमर्पण खैरागढ़ के बकरकट्टा थाना (Bakarkatta Police Station) क्षेत्र में रविवार दरम्यानी रात में हुआ। सभी नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों के समक्ष अपने हथियार डाल दिए । सोमवार सुबह आत्मसमर्पण की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की गई।
आत्मसमर्पण (Surrender) के बाद पुलिस अधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरेंडर करने वालों में 6 महिला नक्सली भी शामिल हैं। इसके साथ ही रामधेर मज्जी का समर्पण करना बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस पर 1 करोड़ रुपए का भी इनाम घोषित था।
उन्होंने बताया कि रामधेर मज्जी (Ramdher Majji) लंबे समय से नक्सली संगठन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल था और कई गंभीर नक्सली घटनाओं में उसका नाम सामने आ चुका है। जिसके बाद से पुलिस लगातार इसकी तलाश कर रही थी, बचने के लिए रामधेर लगातार अपना स्थान बदल रहा था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरेंडर करने वालों में सीसीएम, डीवीसीएम, एसीएम और पीएम स्तर के नक्सली भी शामिल हैं। रामधेर मज्जी के सरेंडर के बाद माना जा रहा है कि नक्सलियों का एमएमसी जोन लगभग खत्म हो गया, क्योंकि इसे यही कंट्रोल किया करता था। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आने वाले दिनों में और भी नक्सली हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट सकते हैं।
साल 2025 में फोर्स के ऑपरेशन में टॉप नक्सल कमांडर बसवाराजू, मनोज उर्फ मॉडेम बालकृष्ण उर्फ राजू दादा, कोसा दादा और नक्सली जयराम का खात्मा किया गया था। फोर्स के ऑपरेशन से नक्सलियों को लगातार झटके लगे। इससे नक्सलियों पर दबाव बढ़ा और कई बड़े नक्सलियों ने सरेंडर करने की ठानी। 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर टॉप नक्सल कमांडर (Top Naxal Commander) हिड़मा मारा गया। उसके बाद से कई बड़े नक्सली सरेंडर कर रहे हैं।
[AK]