90 दिनों से अधिक समय से कैद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मी

इन आठों को केवल एक बार 3 अक्टूबर को कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान किया गया था, जब यह पता चला कि वे एकांत कारावास में हैं।
90 दिनों से अधिक समय से कैद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मी (IANS)
90 दिनों से अधिक समय से कैद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मी (IANS) कतर
Published on
2 min read

जहां सभी की निगाहें कतर (Qatar) में चल रहे फुटबॉल विश्व कप (Football World Cup) पर टिकी हैं, वहीं इस देश में 90 दिनों से अधिक समय से कैद भारतीय नौसेना (Indian Navy) के आठ पूर्व कर्मियों के भाग्य के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट (आईईएसएम) ने अब भारत (India) के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुखों को भी भेज दी गई हैं। मेजर जनरल सतबीर सिंह (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष आईईएसएम और सलाहकार यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन के अनुसार पूर्व-भारतीय नौसेना कर्मी दोहा में दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे। इनका काम कतर नेवी के जवानों को ट्रेनिंग देना था।

90 दिनों से अधिक समय से कतर में कैद भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मी

मेजर जनरल सिंह (सेवानिवृत्त) ने ट्वीट किया,पूर्व-भारतीय नौसेना कर्मियों के परिवारों ने 30 अगस्त को उनसे संपर्क खो दिया। दोहा में उनके कार्यालय से परिवारों को पता चला कि उन्हें राज्य सुरक्षा ब्यूरो, आंतरिक मंत्रालय, कतर द्वारा आधी रात के आसपास उनके घरों से उठाया गया है।

इन आठों को केवल एक बार 3 अक्टूबर को कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान किया गया था, जब यह पता चला कि वे एकांत कारावास में हैं। एक सूत्र के अनुसार भारत के एक पड़ोसी के इशारे पर उन पर जासूसी का गलत आरोप लगाया गया है।

यह सबसे खराब किस्म की शरारत है। जिन जवानों को उठाया गया है उनमें भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मी कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कमांडर बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर सुगनाकर पाकला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश शामिल हैं।

90 दिनों से अधिक समय से कैद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मी (IANS)
लखनऊ के चार स्कूली छात्रों ने बनाई इलेक्ट्रिक कार

विदेश मंत्री को लिखे अपने पत्र में मेजर जनरल सिंह ने उल्लेख किया है कि कैसे आठों के परिवार उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में चिंतित हैं।

उन्होंने पत्र में कहा है, उनकी रिहाई और जल्द से जल्द वापसी वांछित है। रिटायर्ड जनरल ने अपने एक ट्वीट में यह भी आशंका जताई है कि जब तक भारत सरकार तत्काल कार्रवाई नहीं करती, तब तक आठों को यातना का सामना करना पड़ सकता है।

आईएएनएस/RS

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com