लैटिन अमेरिका में हुआ स्वामी विवेकानंद की पहली प्रतिमा का अनावरण
लैटिन अमेरिका में हुआ स्वामी विवेकानंद की पहली प्रतिमा का अनावरणIANS

लैटिन अमेरिका में हुआ स्वामी विवेकानंद की पहली प्रतिमा का अनावरण

शिकागो में 1893 में दिए गए स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि स्वामीजी ने अपने उस भाषण में भारतीय संस्कृति की विशेषताओं को खूबसूरती से प्रदर्शित किया था।
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लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने मेक्सिको में हिडाल्गो राज्य के स्वायत्त विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण किया। लैटिन अमेरिका में यह स्वामी विवेकानंद की पहली प्रतिमा बताई जा रही है, जिसका अनावरण किया गया है। इस अवसर पर बोलते हुए बिरला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और व्यक्तित्व से आज भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में लोग उनसे प्रेरणा ले रहे हैं और उनके आदर्शों पर चलने की शपथ ले रहे हैं।

शिकागो में 1893 में दिए गए स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि स्वामीजी ने अपने उस भाषण में भारतीय संस्कृति की विशेषताओं को खूबसूरती से प्रदर्शित किया था। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का यह संदेश देश और काल की सीमा से परे सम्पूर्ण मानवता के लिए है। इसलिए मेक्सिको में उनकी मूर्ति का अनावरण उनके प्रति हमारे श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है।

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समाज में युवाओं की भूमिका पर बोलते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का युवाओं और युवा शक्ति पर अखंड विश्वास था। उनकी प्रेरणा ने भारत के युवाओं को आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए नई ऊर्जा दी, भारत को उसकी ताकत का अहसास कराया, उसके सामर्थ्य और मन-मष्तिष्क को पुनर्जीवित किया और राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया।

बिरला ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के अनावरण के लिए वहां पर एकत्र हुए भारतीय छात्रों से बातचीत भी की। आपको बता दें कि मेक्सिको में लगभग सत्तर हजार भारतीय छात्र रहते हैं जो वहां विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे हैं।

मेक्सिको की अपनी यात्रा को दोनों देशों के आपसी संबंधों को नई उर्जा देने का अवसर बताते हुए बिरला ने मेक्सिकन संसद और सरकार को धन्यवाद भी कहा।
(आईएएनएस/PS)

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