Dog Walking Row: हर वर्ष किसी न किसी आईएएस की अच्छी-बुरी खबर सोशल मीडिया पर खास ज़ोर पकड़े रहती है। इसी बीच इस साल 1994 बैच के आईएएस ऑफिसर संजीव खिरवार (Sanjeev Khirwar) के बाबूगिरी का मामला सामने आया है। दरअसल मामला यह है कि वो हर शाम दिल्ली सरकार नियंत्रित त्यागराज स्टेडियम (Thyagraj Stadium) में अपने पालतू कुत्ते के साथ घूमने जाते थे। इसी बीच एक कोच ने इसकी शिकायत की कि उन्हें 7 बजे ही स्टेडियम खाली करने को कह दिया जाता है जिससे खिलाड़ी अपनी प्रैक्टिस सही ढंग से पूरी नहीं कर पाते।
इस शिकायत के बाद गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने दिल्ली के मुख्य सचिव को इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपने के लिए कहा। गृह मंत्रालय ने साफ तौर पर त्यागराज स्टेडियम में अपने अधिकारों का गलत उपयोग करने के संदर्भ में रिपोर्ट मांगी थी। जिसके बाद हरकत में आते हुए मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी। मंत्रालय ने एक परिपत्र जारी करते हुए आईएएस संजीव खिरवार (IAS Sanjeev Khirwar) का लद्दाख (Ladakh) और उनकी धर्मपत्नी आईएएस रिंकू दुग्गा (IAS Rinku Dugga) का अरुणांचल प्रदेश (Arunanchal Pradesh) के लिए तबादला कर दिया गया।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरिवल (Arvind Kejriwal) ने आदेश जारी किया था कि सभी राज्य संचालित सुविधाएं, खिलाड़ियों के लिए रात 10 बजे तक खुली रहेंगी।
तबादले के परिपत्र की एक प्रति ट्विटर पर काफी वाइरल हो रही है जिसपर कई गणमान्यों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि देश में इससे भी ज़रूरी मुद्दे हैं सुलझाने को। अब हम इस स्तर पर हैं कि ज़रूरी मुद्दों को छोड़कर इसपर बहस कर रहे हैं कि कुत्ता लद्दाख जाएगा या अरुणांचल प्रदेश। हमारे पास और भी मामले हैं जिसको सुलझाया जाना चाहिए। बता दें कि बीते मार्च महीने के लोकसभा के एक सत्र में यह बात सामने आई कि भारत के विभिन्न न्यायालयों में लगभग कुल 4.70 करोड़ मामले लंबित हैं। इसके अतिरिक्त भारत के अकेले सर्वोच्च न्यायालय में 70,154 मामले लंबित हैं। इन मामलों पर गंभीर चर्चा करने की बजाय चर्चा इसपर हो रही है कि कुत्ता कहाँ जाएग?
हालांकि एक आईएएस ऑफिसर द्वारा ऐसा कृत्य काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए किरण बेदी (Kiran Bedi) ने ट्वीट करके कहा कि, 'अगर इस आईएएस द्वारा स्टेडियम में डॉग वॉक की घटना को सही पाया जाता है, तो दूसरे केंद्र शासित प्रदेश में क्यों भेजा जा रहा है, बल्कि उनको छुट्टी पर भेज कर यह तय क्यों नहीं किया जा रहा कि क्या वह सेवा में बने रहने के लिए फिट है या नहीं। अखिल भारतीय सिविल सेवा की यह गंभीर स्थिति है।'
इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी और CIPSA के पूर्व सचिव शेष पॉल वैद (Shesh Paul Vaid) ने भी ट्वीट किया, 'आईएएस अधिकारी संजीव खिरवार और उनकी पत्नी रिंकू धुग्गा का लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में स्थानांतरण उनकी बाबू मानसिकता और भारतीय एथलीटों के साथ उनके दुर्व्यवहार के लिए पर्याप्त सजा नहीं है। बदलते समय के साथ भारतीय नौकरशाही और उनकी शासक मानसिकता को सुधारने की जरूरत है।'
दिल्ली के प्रमुख सचिव (राजस्व) संजीव खिरवार ने कंप्युटर इंजीनियरिंग में बीटेक के साथ ही अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया है। इन्होंने अपने करिअर की शुरुआत चंडीगढ़ के बतौर SDM के पद से की थी। अभी तबादले से पहले वो दिल्ली के राजस्व आयोग (Revenue Commission of Delhi) के सचिव के साथ ही दिल्ली पर्यावरण विभाग के भी सचिव रहे हैं। इनके नीचे ही दिल्ली के सभी जिलाधिकारी कार्य करते हैं।