गुजरात : रिश्वतखोरी के पुराने मामले में सीबीआई कोर्ट ने डीआरटी इंस्पेक्टर और वकील को दो साल की सजा सुनाई

अहमदाबाद की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) विशेष अदालत ने रिश्वतखोरी के एक पुराने मामले में दोषी ठहराए गए दो आरोपियों को सजा सुनाई है।
सीबीआई अधिकारी की तस्वीर|
रिश्वतखोरी मामले में अहमदाबाद सीबीआई कोर्ट का फैसला|IANS
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अदालत ने अनिल कुमार शर्मा (तत्कालीन रिकवरी इंस्पेक्टर, डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल - डीआरटी, आश्रम रोड) और अमित कोटक (डीआरटी के वकील) को दो साल की कड़ी कैद और कुल 1.5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

यह मामला साल 2009 का है। सीबीआई ने 15 जनवरी 2009 को शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि अनिल कुमार शर्मा और अमित कोटक ने तीन संपत्तियों की नीलामी का मामला जल्द निपटाने और शिकायतकर्ता के चचेरे भाई की पहले से नीलाम हो चुकी संपत्ति की नीलामी को टालने के बदले 3.50 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।

अनिल कुमार शर्मा (Anil Kumar Sharma) ने पहले 1 लाख रुपए देने को कहा और बाकी 2.50 लाख बाद में देने की बात की। सीबीआई ने जाल बिछाया और 16 जनवरी 2009 को अमित कोटक को शिकायतकर्ता से 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसी दिन अनिल कुमार शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया।

सीबीआई (CBI) ने दोनों आरोपियों के घर और कार्यालय में तलाशी ली। जांच पूरी होने के बाद 26 नवंबर 2009 को चार्जशीट दाखिल की गई। लंबे ट्रायल के बाद अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया और अब सजा सुनाई है।

इससे पहले सीबीआई ने राजधानी दिल्ली में बड़ी कार्रवाई करते हुए एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) के असिस्टेंट इंजीनियर (एई) को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोपी असिस्टेंट इंजीनियर दिल्ली के शाहदरा जोन में तैनात था।

यह मामला सरकारी अधिकारियों और वकीलों द्वारा रिश्वत मांगने के खिलाफ सीबीआई की सख्त कार्रवाई का उदाहरण है। जांच एजेंसी ने साफ किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

[AK]

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