
इस घटना के कारण देहरादून–हरिद्वार रेल मार्ग पूरी तरह ठप हो गया और क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई।
हादसे में मलबे का दबाव इतना ज्यादा था कि रेलवे ट्रैक पर लगे लोहे के सुरक्षा जाल को भी भारी क्षति पहुंची। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले भी इसी स्थान पर पहाड़ी का बड़ा हिस्सा टूटकर गिरा था।
सूचना मिलते ही जीआरपी पुलिस, आरपीएफ, सिविल पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। भारी मशीनरी की मदद से मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। ट्रैक को दुरुस्त करने और रेल यातायात बहाल करने में 8 से 10 घंटे का समय लग सकता है।
प्रशासन का कहना है कि प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द ट्रैक को चालू करने का प्रयास किया जा रहा है।
एसपी जीआरपी अरुणा भारती ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि सुबह करीब 6.30 बजे कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि काली मंदिर के पास रेलवे ट्रैक पर मलबा गिर गया है। फिलहाल जीआरपी, आरपीएफ, पुलिस और रेलवे का स्टाफ मौके पर मौजूद है और ट्रैक को खोलने का कार्य जारी है।
उन्होंने आगे बताया कि सुबह देहरादून(Dehradun) से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन और एक पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया गया है। इसके अलावा कई अन्य ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। फिलहाल सभी ट्रेनों को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया गया है, ताकि ट्रैक से मलबा पूरी तरह हटाया जा सके।
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