जैसा कि हम जानते हैं भारत को आजादी दिलाने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलनों की बहुत बड़ी भूमिका रही है उसमें से एक बड़े आंदोलन 'भारत छोड़ो आंदोलन' जिसे अंग्रेजी में Quit India Movement भी कहां गया आज ही के दिन 1942 में शुरू हुआ था।
यह आंदोलन काफी प्रभावशाली सिद्ध हुआ। इस आंदोलन ने अंग्रेजो की नींव हिला डाली थी।इस आंदोलन के अगले ही दिन हजारों आंदोलनकारियों को जेल में डाल दिया गया था।
8 अगस्त 1942 को अखिल भारत कांग्रेस कमेटी(AICC) के मुंबई अधिवेशन में इस आंदोलन की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने की थी। इस आंदोलन में अंग्रेजी शासन को पूरी तरह से हिला दिया था।
महात्मा गांधी ने इसी आंदोलन के दौरान दिया प्रचलित नारा 'करो या मरो' भी दिया था जिससे पूरे देशवासियों के मन में अंग्रेजों के प्रति एक प्रकार की ज्वलंत भावना उत्पन्न हो गई थी और इसी नारे के प्रभाव ने अंग्रेजी को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था।
भारत छोड़ो आंदोलन के अगले ही दिन गांधीजी समेत सैकड़ों लोगों को अंग्रेजी सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था। इस प्रक्रिया में बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानी अर्थात आंदोलनकारी शहीद भी हो गए थे।
भारत छोड़ो आंदोलन के शुरू होने का एक बहुत बड़ा कारण था बिना भारत की मर्जी उसे द्वितीय विश्व युद्ध में धकेल देना। अंग्रेजी सरकार ने भारत के हजारों सैनिकों को द्वितीय विश्व युद्ध में लड़ने भेज दिया जिससे हमारे काफी सैनिक शहीद हो गए थे।
भारत छोड़ो आंदोलन ने अंग्रेजों की नींव हिला दी थी जिसमें 14000 से अधिक लोगों को जेल भी जाना पड़ा मगर इस आंदोलन ने आम जनता की रगों में स्वराज की ऊर्जा की जो ऊर्जा पैदा की थी उसने आगे जाकर भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।