NDA उम्मीदवार जगदीप धनखड़ देश के 16वें उपराष्ट्रपति बने। धनखड़ ने विपक्षी दलों की संयुक्त उम्मीदवार मार्गेट अल्वा को भारी अंतर से हराकर उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है। नतीजों की घोषणा करते हुए, उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए बनाए गए रिटनिर्ंग अधिकारी एवं लोक सभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि दोनों सदनों के 780 सांसदों में से 92.94 प्रतिशत सांसदों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले 725 सांसदों में से 15 वोट अमान्य पाए गए।
सिंह ने बताया कि उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए पड़े 710 वैध मतों में से जगदीप धनखड़ को 528 सांसदों का वोट मिला वहीं मार्गेट अल्वा के पक्ष में 182 सांसदों ने अपना वोट डाला। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 356 मत प्राप्त करना जरूरी था लेकिन धनखड़ को इससे कहीं ज्यादा प्रथम वरीयता के वोट, 528 प्राप्त हुए और इस तरह से एनडीए उम्मीदवार धनखड़ ने भारी अंतर से विपक्षी दलों की संयुक्त उम्मीदवार को चुनाव हरा दिया।
उपराष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए , उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 50 नामांकन पत्र प्राप्त हुए थे जिनमें से जगदीप धनखड़ और मार्गेट अल्वा के ही नामांकन पत्र सही पाए गए। देश के 16वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसद भवन में शनिवार को सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक वोट डाले गए। मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद बैलट बॉक्स को सील कर दिया गया। शाम 6 बजे मतगणना शुरू हुई जिसमें 528 वोट हासिल कर धनखड़ चुनाव जीत गए।
आपको बता दें कि, लोक सभा और राज्य सभा की कुल सदस्य संख्या 788 है लेकिन उच्च सदन राज्य सभा में 8 सीट रिक्त होने के कारण इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने वाले सांसदों की कुल संख्या 780 थी।
लोक सभा और राज्य सभा में कुल मिलाकर 36 सांसदों वाली पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करने का ऐलान किया था लेकिन बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी की पार्टी के दो सांसदों ने पार्टी निर्देश को दरकिनार करते हुए शनिवार को संसद भवन आकर अपना वोट दिया।
(आईएएनएस/AV)