

पुलिस और बम स्क्वॉड की टीम ने कोर्ट परिसर और उसके आसपास के इलाकों की गहन तलाशी की। सुरक्षा कारणों से कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों को सतर्क किया गया और जांच के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए गए। काफी देर तक चली जांच के बाद कोई भी संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक बरामद नहीं हुआ।
पुलिस अब उस ईमेल की तकनीकी जांच में जुट गई है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि धमकी भरा मेल कहां से भेजा गया, किसने भेजा और इसके पीछे क्या मकसद था। साइबर सेल (Cyber Cell) मदद से मेल के स्रोत और आईपी एड्रेस की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब मुंबई या देश के अन्य हिस्सों में इस तरह की धमकियां सामने आई हैं।
इससे पहले, 1 दिसंबर को मुंबई के सांताक्रूज इलाके में स्थित एक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी भेजी गई थी। उस समय स्कूल प्रशासन ने तुरंत मुंबई पुलिस और बम निरोधक दस्ते को इसकी सूचना दी थी। मौके पर पहुंची टीमों ने स्कूल परिसर की गहन तलाशी ली थी, लेकिन वहां भी कोई विस्फोटक नहीं मिला था। पुलिस ने उस मामले में भी धमकी (Threat) को झूठा बताया था।
इसी तरह नवंबर में देश की राजधानी दिल्ली में भी बम धमकियों की घटनाएं सामने आई थीं। दिल्ली (Delhi) के दो स्कूलों और तीन अदालतों को धमकी भरे ईमेल मिले थे। जानकारी के अनुसार, द्वारका स्थित एक सीआरपीएफ स्कूल और प्रशांत विहार के एक अन्य स्कूल को धमकी मिली थी। इसके अलावा, साकेत कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट और रोहिणी कोर्ट को भी बम से उड़ाने की धमकियां मिली थीं।
बम की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस, अग्निशमन विभाग और बम निरोधक दस्ते मौके पर पहुंचे थे और छात्रों व अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। हालांकि, उन मामलों में भी कोई विस्फोटक बरामद (Explosives Recovered) नहीं हुआ था।
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