केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (NSS) सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशक (DGP) खासकर सीमावर्ती जिलों में इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्यों को सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तनों पर विशेष निगरानी रखनी चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्यों के DGP को संबोधित करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के जिलों में तकनीकी और रणनीतिक महत्व से संबंधित सभी सूचनाओं को जमीनी स्तर पर साझा किया जाना चाहिए।
शाह ने आगे कहा कि आंतरिक सुरक्षा के मामले में, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, पूर्वोत्तर में चरमपंथी संगठन और वामपंथी उग्रवाद ऐसे तीन सबसे बड़े खतरे थे, जिनको बेअसर करने में हमने सफलता हासिल की है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने नए कानून बनाए हैं, सभी राज्यों के साथ तालमेल बनाकर काम किया है और तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया है।
उन्होंने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से आंतरिक सुरक्षा पर जोर दिया गया है। देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए सुरक्षा तंत्र को भी मजबूत किया गया है।
अमित शाह ने सम्मेलन का समापन करते हुए कहा कि यह देश और युवाओं के भविष्य की लड़ाई है, जिसे हमें मिलकर किसी भी कीमत पर जीतना है।
इस सम्मेलन में साइबर अपराध और ड्रग्स की तस्करी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। इस अवसर पर राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के शीर्ष अधिकारी और सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे।
(आईएएनएस/AV)