1 जनवरी 2023 को पंकज मोहन सिन्हा ने भारतीय वायु सेना (Indian Air force) की पश्चिमी वायु कमांड की कमान संभाल ली। एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा (Air Marshal Pankaj Mohan Sinha) को जून 1985 में एक लड़ाकू पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में नियुक्त किया गया था। पंकज ने पुणे की एयर मार्शल राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक किया है। भारतीय वायु सेना के अनुसार, पंकज मोहन सिन्हा वेलिंगटन के प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के पूर्व छात्र भी रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि वो एक अनुभवी फाइटर पायलट है और उन्होंने 'ए' कैटेगरी के मान्यता प्राप्त फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर, फाइटर स्ट्राइकर लीडर, इंस्ट्रूमेंट रेटिंग इंस्ट्रक्टर और परीक्षक के रूप में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। एयर मार्शल सिन्हा के पास 4500 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव भी है।
37 वर्ष से अधिक के अपने सेवा करियर में एयर मार्शल सिन्हा ने महत्वपूर्ण कमांड और स्टाफ नियुक्तियों पर कार्य किया है। जिनमें फाइटर स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर, फ्लाइंग स्टेशन पर चीफ इंस्ट्रक्टर (फ्लाइंग), यूके में रॉयल एयर फोर्स वैली में ट्रेनिंग कोऑर्डिनेशन अधिकारी के रूप में काम किया है, जहां पर सिन्हा ने हॉक विमान उड़ाया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिन्हा भारतीय वायु सेना मुख्यालय में प्रधान निदेशक कार्मिक अधिकारी, एक प्रतिष्ठित वायु सेना स्टेशन के कमांडिंग एयर अधिकारी, वायुसेना प्रमुख के वायु सहायक और वायु सेना मुख्यालय में वायु सेना संचालन (आक्रमण) के प्रमुख सहायक के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। इसके अलावा सिन्हा एक प्रमुख लड़ाकू स्क्वाड्रन के कमोडोर कमांडेंट हैं और वर्तमान नियुक्ति पर आने से पहले वायु सेना मुख्यालय में वायु संचालन महानिदेशक के पद पर थे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वायु अधिकारी 'विशिष्ट सेवा पदक' और 'अति विशिष्ट सेवा पदक' भी हासिल कर चुके हैं। एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा ने एयर मार्शल एस प्रभाकरन का स्थान लिया है। एस प्रभाकरन 31 दिसंबर 2022 को सेवानिवृत्त हो गए थे। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि नई रेंज के मिसाइल सिस्टम, लॉन्ग रेंज गाइडेड बम, पारंपरिक बमों के लिए रेंज ऑग्मेंटेशन किट और एडवांस सर्विलांस सिस्टम को शामिल करके आईएएफ को और अधिक घातक क्षमताओं के साथ और मजबूत किया जायेगा।
बीते हफ्ते केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 24 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए जरूरी स्वीकृति (एओएन) को मंजूरी दी थी। कुल 84,328 करोड़ रुपये के इन प्रस्तावों में सेना के लिए छह, वायुसेना के लिए छह, नौसेना के लिए 10 और तटरक्षक बल के लिए दो प्रस्ताव शामिल हैं।
आईएएनएस/PT