सेना की प्रणाली को मजबूत करने के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सेना की संचार प्रणाली के बेहतर प्रदर्शन के लिए उपकरणों की खरीद पर करीब 500 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
सेना की प्रणाली को मजबूत करने के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे  (Wikimedia Commons)
सेना की प्रणाली को मजबूत करने के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे (Wikimedia Commons)

न्यूज़ग्राम हिंदी: भारतीय सेना के संचार तंत्र को और मजबूत किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सेना की संचार प्रणाली के बेहतर प्रदर्शन के लिए उपकरणों की खरीद पर करीब 500 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि उसने 1,035 5/7.5 टन रेडियो रिले संचार उपकरण कंटेनरों की खरीद के लिए गुरुवार को आईसीओएमएम टेली लिमिटेड, हैदराबाद के साथ एक अनुबंध किया है।

आईसीओएमएम मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) की एक समूह कंपनी है, जो भारत की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा कंपनियों में से एक है। इसने 1989 में परिचालन शुरू किया और रक्षा, बिजली, दूरसंचार और सौर अंतरिक्ष के क्षेत्र में व्यापक बुनियादी ढांचा समाधान प्रदान करता है।

'खरीद (भारतीय) श्रेणी' के तहत अनुबंध का मूल्य लगभग 500 करोड़ रुपये है। मंत्रालय ने कहा कि कंटेनरों की डिलीवरी चालू वित्तवर्ष (2023-24) से शुरू होने वाली है।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस कदम से रक्षा उपकरणों के स्वदेशी निर्माण को और बढ़ावा मिलेगा और निजी क्षेत्र को 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को साकार करने में संलग्न होने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

रेडियो रिले कंटेनर भारतीय सेना की मोबाइल संचार टुकड़ियों की लंबे समय से चली आ रही आवश्यकता को पूरा करेंगे। इन कंटेनरों का उपयोग संचार उपकरणों को सुरक्षित और विश्वसनीय तरीके से काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए किया जाएगा।

सेना की प्रणाली को मजबूत करने के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे  (Wikimedia Commons)
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मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कंटेनरों को अधिकृत विशेषज्ञ वाहनों पर लगाया जाएगा और परिचालन आवश्यकताओं के अनुसार स्थानांतरित किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त सभी उपकरणों और उप-प्रणालियों के साथ कंटेनरों का उत्पादन करेगी।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के अत्याधुनिक उपकरणों के विकास से मित्र देशों को निर्यात को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।

--आईएएनएस/VS

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