ओल्ड पार्लियामेंट ने सही है कई दुश्मनों की वार

पुराना सांसद एक ऐतिहासिक म्यूजियम की तरह रह गया है। जहां लोग केवल घूमने और इसे देखने आ सकते हैं अब इसका महत्व हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान से बिछड़ चुका है।
पुराना सांसद कानून का साक्षी रहा है[Wikimedia Commons]
पुराना सांसद कानून का साक्षी रहा है[Wikimedia Commons]

Old Parliament:- पुराने संसद भवन में सोमवार को विशेष सत्र का ऐतिहासिक आयोजन संपन्न हुआ। इसी के साथ पुराने संसद की लोकतांत्रिक शक्तियों नई संसद में स्थानांतरित हुई है। पुराने संसद भवन में काफी कुछ कहा है औपनिवेशिक शासन से लेकर द्वितीय विश्व युद्ध। भारत की स्वतंत्रता से लेकर 2001 का पार्लियामेंट अटैक। पुराना सांसद कानून का साक्षी रहा है। कई सारे पुराने नियमों को इस संसद में बदल गया कई नियमों को खंडित किया गया। देश को बदलने वाले कई नियमों को इस पुराने संसद में नए तरीके से लागू भी किया गया। आज या पुराना सांसद एक ऐतिहासिक म्यूजियम की तरह रह गया है। जहां लोग केवल घूमने और इसे देखने आ सकते हैं अब इसका महत्व हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान से बिछड़ चुका है। 96 वर्षों से अधिक समय से पुराना संसद भवन राष्ट्र के जन्म से लेकर परमाणु भारत के उदय तक कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह बना। यहीं पर हमारे नीति-नियंताओं के फैसले से भारत अनाज से लेकर तमाम चीजों में आत्मनिर्भर बना। गरीबी तेजी से घटी। लोगों का कल्याण स्तर बढ़ा। भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हुआ और अब दुनिया का हर बड़ा मंच हमारी बात को अनसुना नहीं करने को विवश हो चला है। लोकतंत्र के इस पुराने मंदिर पर पेश है एक नजर।

प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कई बार इस संसद से भाषण दिए हैं[Wikimedia Commons]
प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कई बार इस संसद से भाषण दिए हैं[Wikimedia Commons]

आईए जानते है पुराने संसद पर क्या क्या हुआ

बमबारी

यह इमारत, यानी कि हमारा पुराना सांसद भगत सिंह के साम्राज्यवाद, मजदूरों की लड़ाई क्रांति और आजादी की लड़ाई जैसे कई घटनाओं का साक्षी रहा है। 1928 में भगत सिंह ने इस संसद पर बम भी गिराया था हालांकि उसे वक्त अंग्रेजों का कब्जा था और अंग्रेजों को सबक सिखाने हेतु भगत सिंह ने इस पुराने संसद पर बम फेंक दिया था।

नेहरू का ऐतिहासिक भाषण

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कई बार इस संसद से भाषण दिए हैं। और अपने देश के लोगों पर विश्वाश कायम किया। 

पहली पंचवर्षीय योजना

भारत की पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1951 ईस्वी में पहली बार पंचवर्षीय योजना इसी पुराने संसद से शुरु की। इस पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य था की आजादी के बाद भारत की सभी समस्याओं का निदान लाना खासकर अर्थव्यवस्था को मजबूती देना।

परमाणु ताकत का उदय

1974 में जब पहली बार परमाणु परीक्षण किया गया तो उसकी मंजूरी इसी पुराने संसद से हुई थी। 1998 में पोखरण में जब परमाणु परीक्षण सफल हुआ तो उसके लिए भी मंजूरी इसी पुराने संसद से गई थी इस संसद ने यहां कार्य करने वाले नेताओं को यह शक्ति प्रदान की कि वह अपने देश के लिए नए-नए तरकीब में लाकर उन्नत बना सके।

Old Parliament:-नेताओं को यह शक्ति प्रदान की[Wikimedia Commons]
Old Parliament:-नेताओं को यह शक्ति प्रदान की[Wikimedia Commons]

पहला आपातकाल 

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहली बार आपातकाल की घोषणा 1975 में, इसी संसद में रहकर की थी। 

2001 का आक्रमण

यह पुराना सांसद कई आतंकवादी गतिविधियों का शिकार भी हुआ। 2001 में कुछ आतंकवादियों ने इस पर कब्जा कर लिया था और फिर क्या था इसे गोलियों की धार तक सहनी पड़ी।

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