बिहार में 'पकड़ौआ विवाह' (Pakadwa Vivah) कोई अजूबा नहीं है, बल्कि यह सदियों से चली या रही वहाँ की एक प्रथा है। हालांकि बीते समय में अपहरण करके जबरन विवाह कम ही देखने-सुनने को मिल रहे थे। पर बीते दिन जब एक ताजा मामला बिहार के बेगूसराय से आया, तो लोगों में Pakadwa Vivah चर्चा का विषय बन गया।
दरअसल एक पशु चिकित्सक को जबरन पकड़ कर उसका विवाह कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार, तेघरा थाना क्षेत्र के पिधौली गांव के निवासी पशु चिकित्सक सत्यम कुमार झा सोमवार दोपहर मवेशियों के इलाज के लिए गए थे, तभी कुछ लोगों ने उनका अपहरण कर लिया और जबरन एक लड़की से शादी करवा दी। इसकी सूचना मंगलवार को एक अधिकारी ने दी।
सत्यम के पिता सुबोध कुमार झा ने कहा, "जब सत्यम शाम तक घर नहीं लौटा, तो हमने उसकी तलाश शुरू कर दी। वह रात में भी नहीं लौटा। मंगलवार की सुबह, मेरे फोन पर एक वीडियो क्लिप आई, जिसमें मेरा बेटा एक लड़की के साथ बैठा था और शादी हो रही थी।"
सत्यम के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंगलवार को सत्यम को एक मवेशी के इलाज के बहाने हसनपुर गांव के विजय सिंह ने बुलाया था। इसके बाद उसका अपहरण करके जबरदस्ती शादी करा दी गई।
झा ने कहा, "हमने इस संबंध में तेघरा पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।"
तेघरा थाने के एसएचओ ने कहा, "हमें Pakadwa Vivah से संबंधित शिकायत मिली है। मामले की जांच चल रही है।"
बता दें कि यह Pakadwa Vivah, 1970 और 80 के दशक में बिहार के बेगूसराय में एक बहुचर्चित रिवाज बन गया था। 90 और 2000 के दशक में हजारों की संख्या में पकड़ौआ शादी हुई। और ये शादियाँ मुख्यतः बेगूसराय और बिहार के दूसरे जिलों में देखी गई थी। इस प्रथा के शिकार ज्यादातर नौकरी वाले लड़के हुए थे। वर्षों बाद, अब सत्यम कुमार के इस मामले ने पकड़ौआ विवाह के मुद्दे को फिर से चर्चा का विषय बना दिया है।