'Vande Mataram' को 'जन गण मन' के समान दर्जा देने की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दर्ज

याचिका में कहा गया है कि 'वंदे मातरम' हमारे इतिहास, संप्रभुता, एकता और गौरव का प्रतीक है।
'Vande Mataram' को 'जन गण मन' के समान दर्जा देने की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दर्ज
'Vande Mataram' को 'जन गण मन' के समान दर्जा देने की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दर्जWikimedia Commons

भाजपा नेता एवं वकील अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने मंगलवार को एक जनहित याचिका दायर कर भारत की आजादी के संघर्ष में ऐतिहासिक भूमिका निभाने वाली कविता 'Vande Mataram' को 'Jan Gan Man' के साथ 'समान रूप से सम्मानित' करने और 'बराबरी का दर्जा' देने का निर्देश देने का आग्रह किया है। याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार सहित प्रतिवादियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया है कि हर कार्य दिवस पर सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में 'जन गण मन' और 'वंदे मातरम' बजाया और गाया जाए।

अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाई कोर्ट में दर्ज की याचिका
अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाई कोर्ट में दर्ज की याचिका IANS



याचिका में कहा गया है कि 'वंदे मातरम' हमारे इतिहास, संप्रभुता, एकता और गौरव का प्रतीक है। यदि कोई नागरिक किसी भी खुले या गुप्त कृत्य से इसका अनादर करता है, तो यह न केवल एक असामाजिक गतिविधि होगी, बल्कि यह हमारे सभी अधिकारों और एक संप्रभु राष्ट्र के नागरिक के रूप में अस्तित्व को भी बर्बाद कर देगी। इसलिए प्रत्येक नागरिक को न केवल ऐसी किसी भी गतिविधि से बचना चाहिए, बल्कि यह भी रोकने की पूरी कोशिश करनी चाहिए कि कहीं कोई बदमाश वंदे मातरम (Vande Mataram) का अनादर करने की कोशिश न करे।

'Vande Mataram' को 'जन गण मन' के समान दर्जा देने की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दर्ज
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"हमें अपने राष्ट्र, अपने संविधान, राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज पर गर्व होना चाहिए और राष्ट्रीय हितों को अपने व्यक्तिगत हितों से ऊपर रखना चाहिए और तभी हम अपनी मेहनत से अर्जित स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा कर पाएंगे। यह कार्यपालिका का कर्तव्य है कि 'वंदे मातरम' को बढ़ावा देने और प्रचारित करने के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार करें।"
(आईएएनएस/PS)

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