

प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि बिहार की जनता के पास जनसुराज के तौर पर एक विकल्प मिला है, इसलिए बिहार की जनता ने इतनी बड़ी संख्या में वोटिंग की है।
गयाजी में मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज की सबसे बड़ी सफलता यह है कि लोगों के पास अब एक विकल्प है। भाजपा के डर से नीतीश-भाजपा को वोट देने की मजबूरी खत्म हो गई है। लोग उत्साहित हैं क्योंकि उन्हें एक नया विकल्प, एक नया रास्ता दिख रहा है। इसलिए इतनी बड़ी संख्या में मतदान हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस बार मतदान प्रतिशत आज़ादी के बाद से अब तक का सबसे ज़्यादा है। मैं महीनों से कह रहा हूं कि बिहार में 60 प्रतिशत से ज़्यादा जनता बदलाव चाहती है। अब, जनसुराज की वजह से लोगों के पास एक विकल्प है। बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत दर्शाता है कि लोग विकल्प पाकर खुश हैं, और छठ के बाद भी यहां रुके प्रवासी मजदूरों ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। वे इन चुनावों में एक्स फैक्टर हैं। जन सुराज को पूरा भरोसा है। 14 नवंबर को इतिहास लिखा जाएगा।
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि सम्राट चौधरी को पहले इस बात की चिंता करनी चाहिए कि तारापुर में वे जीत रहे हैं या हार रहे हैं। उन्हें खुद पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी जैसे नेता कभी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को लाते हैं, कभी राजनाथ सिंह को, क्योंकि उन्हें हार का इतना डर है कि वे एनडीए के हर बड़े नेता को बुलाकर उनके लिए सभाएं और रैलियां कर रहे हैं। अगर जीत के लिए सुनिश्चित हैं तो बड़े-बड़े नेताओं की रैलियां क्यों करा रहे हैं? उनके पास जनता के बीच कोई मुद्दा नहीं है, जनता उन्हें क्यों चुनेगी?
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) तो छह महीने पहले से खुद को मुख्यमंत्री मान चुके हैं, धरातल पर क्या चीज चल रही है, उन्हें मालूम नहीं है। किसी पार्टी ने नहीं कहा था कि इस चुनाव में भारी तादाद में वोटिंग होगी।
[AK]