

भाजपा मीडिया सेंटर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त हो, इस दृष्टिकोण से भारतीय संसद ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक कानून पारित कर महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण दिया।
उन्होंने कहा, "तब भी और अब भी महिलाओं के पुरजोर सशक्तीकरण के इस अध्याय का विरोध किया गया, लेकिन एनडीए सरकार ने इस कानून को पारित किया, यह हम कार्यकर्ताओं का गौरव है।"
उन्होंने आगे कहा कि एनडीए (NDA) सरकार ने जनधन योजना के तहत बिहार की गरीब बहनों को देश की अर्थव्यवस्था और बैंकिंग फाइनेंशियल संस्थानों से जोड़ा। सरकार की तिजोरी से पैसा निकले तो सही हाथों तक पहुंचे, इस प्रयास को सफल होते बिहार की महिलाओं ने देखा। आज जन धन योजना से तीन करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं।
उन्होंने बिहार की महिलाओं से निवेदन करते हुए कहा कि अगर उस साए से एनडीए की सरकार ने बिहार को उबारा है, दहशतगर्दों को हराया है, महिला को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त किया है, एनडीए सरकार ने, तो फिर से एनडीए को समर्थन दें और स्वाभिमान और सम्मान के साथ बिहार का भविष्य रचें।
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि एक तरफ एनडीए की सरकार महिलाओं को सशक्त करने के लिए उनके खातों में राशि पहुंचा रही है, वही दूसरी तरफ राजद के नेता चुनाव आयोग को लिखित प्रस्ताव देते हैं कि महिला के सशक्तीकरण के इस प्रयास को रोका जाए और बिहार की महिलाओं को इस आर्थिक सहयोग से वंचित किया जाए।
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