मॉनसून सत्र से पहले कांग्रेस ने अपनी संसदीय रणनीति समिति की बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की। बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे और करीब एक घंटे तक चली बैठक में केंद्र को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई गई है। इन नेताओं में जयराम रमेश, पी. चिदंबरम, के.सी. वेणुगोपाल, शक्ति सिंह गोहिल, मल्लिकार्जुन खड़गे, मनीष तिवारी, मणिकम टैगोर, अधीर रंजन चौधरी आदि नेता शामिल हैं।
बैठक में पार्टी ने यह तय किया है कि, LPG के बढ़ते दामों, अग्निपथ स्कीम, चीन का मुद्दा, बेरोजगारी, संघीय ढांचे पर हो रहे हमले व रुपये की गिरती कीमत, हेट स्पीच जैसे मुद्दे दोनों सदनों में उठाए जाएंगे।
इसके साथ ही अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा भी पार्टी उठाएगी। वहीं हाल ही में जिस तरह ईडी की मदद से विपक्ष के नेताओं पर हो रही कार्रवाई को भी पार्टी सदन में उठाएगी।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, सरकार कौन सा विधेयक या क्या मुद्दा लेकर आएगी अभी इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन देश में मुद्दे की कोई कमी नहीं है। अनेक मुद्दे हैं 'मोदी जी हैं तो अनेक मुद्दे मुमकिन हैं', वहीं कितने मुद्दे उठाने की इजाजत होगी हमें नहीं पता, हमारे सामने चुनौती है।
देश के सामने चारों तरफ मुद्दा ही मुद्दा है, आर्थिक हालात सिकुड़ते जा रहे हैं, सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ते जा रहे हैं। यह देश के लिए बड़ा हानिकारक होगा। एक तरफ तन से सर जुदा करने की और साथ-साथ मुसलमान समाज को खत्म करने जैसे नारे हमारे देश के सामना आ रहे हैं, उसपर सब चिंतित हैं।
संसद के मॉनसून सत्र की शुरूआत 18 जुलाई को होगी और यह 12 अगस्त तक चलेगा। कांग्रेस वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया है कि, कांग्रेस सरकार से सदन में इन मुद्दों पर बहस की मांग भी करेगी।
(आईएएनएस/AV)