भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद करते हुए भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने श्रीनगर की जेल में रहस्यमय तरीके से हुए उनके निधन पर सवाल उठाए हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए नड्डा ने कहा कि मुखर्जी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तुष्टिकरण की नीति से दुखी और चिंतित थे। उन्होंने जम्मू कश्मीर में धारा 370 लगाने की नेहरू की नीति का विरोध करते हुए कहा था, "नेहरू जी आप जो जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लगा रहे हैं वो देश के लिए घातक है।"
नड्डा ने आगे कहा कि नेहरू के विचारों से अलग होकर उन्होंने सरकार से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनसंघ की स्थापना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि नेहरू की तुष्टिकरण की नीति के कारण ही भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी।
धारा 370 और जम्मू कश्मीर के लिए लागू परमिट सिस्टम विरोध में चलाए गए मुखर्जी के सत्याग्रह का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा, "डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नारा दिया कि 'एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान' नहीं चलेंगे। इस बात को लेकर 11 मई को जम्मू-कश्मीर में बिना परमिट के सत्याग्रह किया, 11 मई को ही उनकी गिरफ्तारी हुई और श्रीनगर की जेल में 23 जून की प्रात: उनका रहस्मय तरीके से निधन हुआ। उनकी माता जी ने जवाहर लाल नेहरू को पत्र लिखकर इसकी जांच करवाने की मांग भी की थी।"
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि नेहरू ने इस निधन की जांच नहीं कराई। अपने नेता के रहस्मय तरीके से निधन के बाद भारतीय जनसंघ और भाजपा वर्षों तक उनकी यात्रा को सफल बनाने के प्रयास में लगी रही और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटा ही दिया।
बता दें कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को हुआ था। आज उनकी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा सरकार के मंत्रियों और देशभर के भाजपा नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। देशभर में भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ता आज उनकी जन्म जयंती मना रहे हैं।
(आईएएनएस/PS)