

बिहार चुनाव पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, "देखिए, लोगों का जो रुझान आ रहा है, जिस तरह लोग भाजपा के मंत्रियों से सड़क पर खड़े होकर सवाल पूछ रहे हैं और वो मौका देखकर भाग रहे हैं, तो ऐसा लग रहा है कि प्रचंड बहुमत की ओर महागठबंधन सरकार बनने जा रही है।"
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, "ये लोग आज से पांच साल पहले भी वादे करके गए थे, लेकिन चुनाव जीतने और सरकार बनाने के बाद सारे वादे भूल गए हैं। अब एक बार फिर से जनता को बेवकूफ बनाने के लिए आ गए हैं। वे ये जवाब दे दें कि इससे पहले जो वादे किए गए थे, वे क्यों पूरे नहीं हुए हैं।"
एनडीए (NDA) पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग चुनाव के समय हिंदू-मुस्लिम करने का काम करते हैं। इसके अलावा इन लोगों के पास कोई मुद्दा नहीं है। ये लोग काम के दम पर वोट नहीं पा सकते।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भाजपा नेता अमित मालवीय (Amit Malviya) के सोशल मीडिया 'एक्स' पोस्ट पर सवाल किया कि इन्हें कट्टा, पिस्तौल, चाकू, छुरा, मारना, काटना और बांटना के अलावा भी कुछ आता है या नहीं? इनके पास रोजगार और किसान की बदहाली सुधारने की कोई योजना है या नहीं? या केवल ऐसी ही बातें करते रहेंगे? वे केवल नफरत और हिंसा की बात करेंगे। इनका यही काम है और इसके अलावा कोई काम नहीं है।"
इमरान मसूद ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान 'देश की सेना और बड़े संस्थान सिर्फ 10 प्रतिशत आबादी के कंट्रोल में हैं' पर कहा, "राहुल गांधी ने सही तो कहा। राहुल ने तो आंकड़े बताए हैं कि जो देश के अंदर आंकड़े हैं। कांग्रेस सांसद ने सवाल किया कि देश के तमाम संसाधनों पर किसका कब्जा है? उन तमाम संसाधनों पर केवल 10 प्रतिशत लोगों का ही कब्जा है। 10 प्रतिशत लोग चाहे वो कोई भी हों।" उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत लोग राज कर रहे और 90 प्रतिशत गुलामी। भाजपा सरकार इस दिशा की तरफ पूरी तरह तेजी के साथ कदम बढ़ा रही है। भाजपा सरकार की सारी नीतियां संविधान को खत्म करने की हैं, वो सिर्फ इसलिए हैं ताकि बाबा साहेब के सपनों को चकनाचूर किया जा सके।"
उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के राहुल गांधी को लेकर दिए गए बयान पर कहा, "हेमंत बिस्वा सरमा कुछ नहीं है कि वो राहुल गांधी के सामने बोल भी सकें या राहुल गांधी के लिए बोल सकें। हमारे यहां वो बाहर खड़े होकर काम किया करते थे, इसीलिए वह अब कुछ न करें।"
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