प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ शुरू किए जाने के बाद से हाई-प्रोफाइल नेशनल हेराल्ड मामला अचानक प्राइम टाइम बहस का सबसे ज्वलंत विषय बन गया है।
लेकिन इस मामले को कौन संभाल रहा है?
मामले की निगरानी ईडी के निदेशक संजय कुमार मिश्रा कर रहे हैं, जो 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं। ईडी में शामिल होने से पहले मिश्रा आयकर विभाग में भी कार्यरत थे।
उन्हें 19 नवंबर, 2018 को ईडी का प्रधान विशेष निदेशक बनाया गया था और कुछ दिनों बाद ही उन्हें ईडी का निदेशक घोषित किया गया था।
मिश्रा ने अपने 4 दशकों के करियर के दौरान कई हाई-प्रोफाइल मामलों को संभाला है, जिनकी सरकार ने कई बार प्रशंसा की है।
वित्तीय जांच एजेंसी में अपने कार्यकाल के दौरान मिश्रा ने कई मनी लॉन्ड्रिंग मामलों को देखा है। जैसे कि राणा कपूर से संबंधित यस बैंक का मामला, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर का मामला और विजय माल्या का मामला।
मिश्रा के कार्यकाल के दौरान ही अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को भारत लाया गया था। अधिकारियों का कहना है कि यह इस मामले में एक बड़ी सफलता थी।
मिश्रा इस समय सबसे विवादास्पद नेशनल हेराल्ड मामले को संभाल रहे हैं, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी एजेंसी के मुश्किल सवालों की लंबी सूची का सामना कर रहे हैं।
ईडी में मिश्रा का 3 साल का कार्यकाल नवंबर 2021 में समाप्त होना था, लेकिन केंद्र ने एक अध्यादेश लाया और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम में संशोधन किया। संशोधन के बाद उनका कार्यकाल 18 नवंबर, 2022 तक बढ़ा दिया गया। ईडी के निदेशक दो साल के लिए होते थे, लेकिन अब उनका कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।
(आईएएनएस/JS)