Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के सात में से दो चरण संपन्न हो चुके हैं और अभी पांच चरण का मतदान बाकी है। इस चुनाव के दौरान कुछ लोकसभा सीटों से प्रत्याशियों के निधन की दुखद खबरें भी सामने आईं। जैसे मध्य प्रदेश की बैतूल लोकसभा सीट, जहां 26 अप्रैल को चुनाव होना था लेकिन यहां से बसपा के उम्मीदवार अशोक भलावी का हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मतदान के ठीक बाद बीजेपी प्रत्याशी की मौत हो गई। ऐसे में यदि चुनाव के दौरान किसी प्रत्याशी की मौत हो जाती है तो इसके बाद क्या चुनाव रद्द हो जाता है?
लोक प्रतिनिधित्व कानून में कहा गया है कि अगर चुनाव के दौरान किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार की मौत हो जाती है तो धारा 52 के तहत संबंधित सीट पर मतदान स्थगित किया जा सकता है। इस धारा में कहा गया है कि उपरोक्त प्रावधान तभी लागू होगा जब उम्मीदवार की नामांकन की आखिरी तारीख को सुबह 11.00 बजे के बाद और मतदान शुरू होने तक किसी भी समय मृत्यु हो जाती है। इसके बाद संबंधित आरओ, चुनाव आयोग को तथ्यों से अवगत कराता है। इसके उपरांत चुनाव आयोग संबंधित राजनीतिक दल को मृत उम्मीदवार के स्थान पर किसी अन्य उम्मीदवार को नामांकित करने के लिए कहता है।
संबंधित राजनीतिक दल को सात दिन दिया जाता है, इन सात दिनों के भीतर नामांकन करना होता है। यदि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची मतदान स्थगित होने से पहले ही प्रकाशित हो चुकी है, तो चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की एक नई सूची तैयार की जाती है और प्रकाशित की जाती है, जिसमें मृत उम्मीदवार के स्थान पर नामांकित उम्मीदवार का नाम भी शामिल होता है।
बैतूल लोकसभा सीट की बात की जाए तो यहां बसपा उम्मीदवार की मौत, नाम वापसी के आखिरी दिन के ठीक एक दिन बाद हुई, इसलिए चुनाव स्थगित कर दिया गया और अब वहां 7 मई को मतदान होगा। जबकि मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार कुंवर सर्वेश कुमार सिंह की मतदान के बाद मृत्यु हुई, ऐसे में यदि वह मतगणना के बाद सीट विजेता के रूप में उभरते हैं, तो उस सीट पर उपचुनाव होगा।