By- रितिक सिंह
LokSena Hind - लोकसेना हिंद दृढ़ का मानना है की 141 सांसदों के निलंबन लोकतंत्र के सिद्धांतों के विरोध में हैं। इतनी बड़ी संख्या में विपक्ष के सांसदो का सस्पेंशन और दोनों सदनों में विपक्ष नेताओं की अनुपस्थिति भारत के संसदीय प्रणाली में लोकतांत्रिक संतुलन पर गहरा असर पड़ेगा।
पार्टी के अध्यक्ष डॉ. मुनिश रायज़ादा का मानना है कि सांसदों को निलंबित करने के बजाए स्पीकर महोदय को और विकल्पों पर चिंतन करना चाहिए था। डॉ रायज़ादा का कहना है कि ऐसे करवाई से यह प्रतीत होता है कि संसद भवन लोकतंत्र के मंदिर के बजाए भाजपा का पार्टी कार्यालय है।
हालतों को देखते हुए, डॉ. रायज़ादा ने संभावना जताई कि भा.ज.पा., जिसके पास राजनीति में अतह धन बल है, वह देश में “एकल पार्टी शासन“ को लागू करना चाहती है। ऐसे दावे का कारण लोकतांत्रिक सिद्धांतों की लगातार हत्या होते हुए देखना और ऐसे राजनीतिक माहोल का बनना है जिसमे एक ही पार्टी सारे फ़ैसले ले।
लोकसेना हिंद सांसदों के निलंबन पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है, और लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा करना और संसद में विभिन्न विचारों के प्रतिनिधित्व को ज़रूरी मानती है। इस कारवाई से विपक्ष की आवाज पर सीधा प्रभाव तो पड़ेगा ही लेकिन इसके अलावाँ देश के राजनीतिक ढांचे पर भी इसका काफ़ी गहरा असर पड़ेगा।
लोकसेना हिंद पार्टी, जिसका कार्यालय दिल्ली में स्थित है और जिसके अध्यक्ष डॉ. मुनिश कुमार रायज़ादा है, 2025 में होने वाले राज्य चुनावों में सक्रिय भागीदारी के लिए तैयारी कर रही है। पार्टी का उद्देश्य दिल्ली के लोगों की प्रगति और विकास है, जो पार्टी के नारे "दिल्ली के लोगों के साथ, दिल्ली का विकास" में झलकता है।
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